खेड़ाखजुरिया. रविवार सुबह से ही मौसम का मिजाज बदला हुआ दिखाई दिया। सुबह से ही बादल छाए रहे। दिनभर कड़ाके की ठंड रही। सर्दी ठंड के कारण दिन में ही लोग अलाव का सहारा लेते दिखाई दिए। शाम को 4.30 बजे बाद मौसम और अधिक खराब हो गया और हवा के साथ हल्की बूंदाबांदी शुरू हो गई। वर्तमान समय में गेहूं ,चना, लहसुन आदि फसलों में सिंचाई का कार्य चल रहा है। ऐसे में मावठे की यह बारिश फसलों को निश्चित फायदा करेगी। हल्की बूंदाबांदी होने से मौसम में ठंडक बढ़ गई है।
खरसौदकलां. क्षेत्र में रविवार सुबह से मौसम का मिजाज बदलाबदला रहा। दोपहर बाद अचानक काले गहरे बादलों के साथ हवा के साथ धीमी गति से पानी की बूंदाबांदी हुई। खराब मौसम के चलते ग्रामीणों को घर मे दुबक कर बैठना पड़ा। पानी एवं हवा के साथ बादलों की गर्जन और चमक से बिजली सप्लाई में तकनीकी खराबी आई। खरसौदकलां सहित आसपास गांवो में देर शाम तक घरेलू बिजली गुल रही।
झारड़ा. क्षेत्र में रिमझिम बारिश से मौसम में ठंडक घुली रही। नगरवासी शॉल, स्वेटर, मफलर आदि पहने हुए दिखे। शाम को हुई रिमझिम बारिश ने मौसम को और ठंडा कर दिया। किसान मनोहर राठौड़ ने बताया, इस पानी से फसलों को अच्छा लाभ होगा, फसलों के लिए यह पानी अमृत का काम करेगा।
अचानक बारिश से शादी समारोह में पड़ा खलल
रुनीजा. 2 दिन से क्षेत्र में घने बादलों छाए रहे थे। रविवार सुबह से ही आसमान में बादलों ने धूप को निकलने से रोका और धीरे-धीरे मौसम ने बदलना प्रारंभ किया। मौसम ठंडा होने लगा और देखते ही देखते 3 बजे बाद चारों ओर ऐसे बादल छाए और बूंदाबांदी के साथ अचानक बादलों की तेज घड़घड़ाहट के साथ लगभग 1 घंटे तक कभी तेज कभी धीमी बारिश ने चारों ओर मौसम को ठंडा कर दिया। अचानक हुई मावठे की बारिश से राहगीरों को भी समस्याओंं को सामना करना पड़ा। कई लोग रास्ते में अपने वाहनों को रोककर पानी से बचने के लिए मंदिर व अन्य जगह सहारा लेते नजर आए। देवउठनी ग्यारस से प्रारंभ हुई शादी समारोह में कई परिवारों में होने वाली शादियों में भी उक्त बारिश ने रंग में भंग डालने का काम कर दिया। अचानक आई बारिश से फसलों को थोड़ी राहत मिलेगी, परन्तु ठंड एकदम ज्यादा बढ़ेगी।
खाचरौद. नगर में रविवार सुबह से आसमान में मौसम खराब चल रहा था सुबह से बारिश की संभावना जताई जा रही थी। लोगों ने सुबह से ऊनी कपड़े नहीं उतारे। शाम 4 बजे लगभग हल्की हवा के साथ बारिश हुई। तापमान गिरा और मौसम में ठंडक घुल गई।
महिदपुर रोड. अचानक हुई बारिश से तापमान में गिरावट आया। इस बारिश से फसलों में काफी फायदा होगा। इस सीजन में होने वाली बारिश गेहूं और सरसों के लिए काफी लाभकारी होती है। किसान इस बात से बेहद खुश है कि एक सिंचाई नहीं करना पड़ेगी। अभी किसान बारिश के बाद गेहूं की फसल में यूरिया का छिडक़ाव कर रहे हैं। किसान गोपाल टेलर ने कहा, इस समय बारिश की आवश्यकता है। अब हम खेतों में यूरिया डाल रहे हैं। नरेंद्र पंड्या ने बताया, इस बारिश से फसल को काफी लाभ मिलेगा।
उन्हेल. मौसम में अचानक बदलाव आने से रविवार सुबह मौसम में ठंडक घुल गई। ठंडी हवा से तापमान में गिरावट आई। दिन भर आसमान में बादलों की लुकाछिपी सूरज के साथ चलती रही। दोपहर बाद 3.45 बजे से बूंदाबांदी तेज हवा के साथ शुरू हुई। कुछ देर में बादलों की गडगड़़ाहट के साथ रिमझिम बारिश शुरू हो गई। मौसम ठंडा होने से बाजार की चहल-पहल कम हुई। लोगों ने ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़ों का उपयोग किया। ग्राम सेकड़ी सुल्तानपुर में भी तेज बारिश हुई। रमेश चंद प्रजापत ने बताया, चना की फसल को अभी सिंचाई की थी उसमें इस बारिश से नुकसान होने की संभावना है।
जगोटी. खराब मौसम और ठंड के कारण दिन में ही लोगों ने अलाव का सहारा लिया। शाम होते होते मौसम और अधिक खराब हो गया तथा हवा के साथ कुछ देर के लिए हल्की हल्की बारिश शुरू हो, जिससे फसल को जीवनदान मिला। मौसम को देखते हुए और भी पानी गिरने की किसानों को संभावना है जिससे फसलों को फायदा होगा। वर्तमान के समय में गेहूं ,चना, लहसुन आलू आदि फसलों में सिंचाई का कार्य चल रहा है। ऐसे में अगर मावठे का पानी और गिरता है तो फसलों को निश्चित तौर पर और अधिक फायदा पहुंचेगा। हल्की बूंदाबांदी की बारिश होने से मौसम ठंडक घुल गई है
वैवाहिक कार्यों में आफत की बारिश
बालोदा लक्खा. रविवार सुबह 10 बजे से ही काले बादलों का जमावड़ा चालू हो चुका था। सुबह से ही सूरज की लुका छुपी के बाद दोपहर 3 से बूंदाबांदी हुई। कुछ ही देर के बाद तेज हवा करीब 15 से 20 मिनट तक चली। वैवाहिक कार्यक्रमों में यह हवा और बारिश आफत बनी। टेंट, तंबू गीले होने के कारण व्यवस्था में कई तरह की बाधा आई। कीचड़ ही कीचड़ होने के कारण लोग इधर-उधर भागते रहे। करीब 1 घंटे तक रिमझिम बारिश होने से किसानों के चेहरे पर खुशी देखी गई। यह बारिश किसानों की फसलों के लिए अमृत साबित हुई है। कई किसानों के ट्यूबवेल में कम पानी होने के कारण फसल पिछड़ रही थी। किसानों का कहना है कि इस बारिश से सभी प्रकार की फसलों को एक साथ पर्याप्त मात्रा में पानी मिल चुका है। यह मावठे की बारिश का पानी हमारी फसलों के लिए अमृत बरसा है।