रुनीजा. नवरात्र पर्व को लेकर माता भक्तों पर शक्ति की भक्ति का रंग चढऩे लगा है। बच्चे, बड़े, महिला और पुरुष सभी माता की आराधना अपने-अपने सामथ्र्य के अनुसार कर रहे हैं। कोई निराहार, कोई एक-एक समय भोजन, कोई नंगे पांव तो कोई मौन रहकर शक्ति की भक्ति में डूबता जा रहा है।
गरबा पंडालों से लेकर माता मंदिर तक माता रानी के जयकारों की गूंज सुनाई दे रही है। आरती के बाद गरबों व सांकृतिक आयोजन के दौर चल रहे है। पौराणिक माहिषासुर मर्दनी माता चामुंडा का दरबार आकर्षक व मनमोहक सजावट के साथ सबका मन मोह रहा है। रंगबिरंगी लाइटों में चलते फव्वारे, शानदार गरबा पण्डाल व शंख घडिय़ाल की गूंज के बीच सुबह 4 बजे तो रात्रि 8 बजे के पूर्व हजारों की संख्या में माता भक्त माता का दर्शन लाभ लेने दूर-दूर से पहुंच रहे है। मंदिर विकास समिति माता भक्तों के सहयोग से महाप्रसादी वितरण कर रही है।
वर्षों से जल रही है माता रानी के दरबार में अखंड ज्योत
माता मंदिर पर वर्षों से अखण्ड ज्योत जल रही है। माता भक्त अपनी विभिन्न मन्नतें, पुत्र प्राप्ति, विवाह संबंधी समस्या, किसी बीमारी आदि के निवारण के लिए वर्ष भर दीप प्रज्वलन के लिए संकल्प लेते हैं। यह दीपक वर्षभर जो भी संकल्प हो उसके अनुरूप प्रज्वलित किए जाते हैं। संस्था के प्रमुख कार्यकर्ता मनोहर मेहता ने बताया, हजारों भक्तों के संकल्प यहां पर पूर्ण हुए हैं। अनेक भक्त ऑनलाइन पेमेंट कर दीप प्रज्वलित करवाते हैं। पुजारी पवन गोस्वामी ने बताया, अभी लगभग 75 अखंड दीपक प्रज्वलित हो रहे हैं। वर्ष भर के लिए 36 किलो तेल या घी लगता हैं, जिसे भक्त एक बार में या सुविधा अनुसार दे सकता हैं। इसके अलावा एक परंपरा और भी प्रचलित हैं, जिसमे भाई के घर संतान प्राप्ति होने पर बहन या अन्य परिजन बच्चे को मिठाई, फल या अन्य सामग्री से तौलते हैं, जिसे मातारानी को अर्पित कर प्रसादी के रूप में बांट दिया जाता हैं।