नीमच. ‘चोरी और ऊपर से सीना जोरी’ यह कहावत बुधवार को प्रायवेट बस स्टैंड पर रखी गई गुमटी संचालक द्वारा चरितार्थ होती नजर आई। पहले अवैधानिक रूप से गुमटी रखी। इसके बाद नपा से गुमटी की एनओसी मांगी। बिजली कनेक्शन भी मांगा। नहीं मिला तो 181 पर शिकायत कर दी। शिकायत मिलने पर नपा ने कार्रवाई की और गुमटी हटाकर कब्जे में ले ली।
अवैधानिक रूप से रखी गुमटी की मांगी थी एनओसी
शहर में इन दिनों अवैध गुमटी के मामले निरन्तर प्रकाश में आ रहे हैं। गुमटी रखने की अनुमति किसी को नहीं दी जाती। नेता और जनप्रतिनिधियों के माध्यम से अवैधानिक रूप से गुमटियां रखी जा रही हैं। गुमटी हटाने की कार्रवाई नपा द्वारा केवल मजबूर लोगों पर ही करते हुए उन्हें परेशान किया जा रहा है। गुमटी संचालकों का कहना है कि गुमटी हटाने की कार्रवाई की जाए तो पूरी तरह निष्पक्ष और सभी पर एक जैसी होनी चाहिए। बुधवार को एक ऐसा ही मामला सामने आया। प्राइवेट बस स्टैंड पर अवैध रूप से रखी गई गुमटी संचालक ने नपा से गुमटी की एनओसी और बिजली कनेक्शन मांगा था। गुमटी संचालक को यह नहीं पता था कि न नपा गुमटी की एनओसी देती है और न ही बिजली कनेक्शन जारी करती है। इस संबंध में गुमटी संचालक ने नपा अधिकारियों की 181 पर शिकायत कर दी थी। मामले में नपा सीएमओ गरिमा पाटीदार के निर्देश पर नपाकर्मी हेमंत कलोसिया नपाकर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने अवैध रूप से रखी गई गुमटी को हटाने की कार्रवाई की। इस दौरान मौके पर गुमटी संचालक द्वारा नपाकर्मी के साथ अभद्रता की गई।
एनओसी व बिजली कनेक्शन नहीं देती नपा
नपाकर्मी हेमंत कलोसिया ने बताया कि बस स्टैंड पर अवैध रूप से गुमटी रखी गई थी। गुमटी संचालक द्वारा एनओसी व लाइट कनेक्शन की मांग की जा रही थी। नगरपालिका में अब किसी को भी एनओसी व लाइट कनेक्शन नहीं दिए जा रहे हैं। इसकी शिकायत गुमटी संचालक द्वारा 181 पर की गई थी। शिकायत के निराकरण को लेकर नगरपालिका सीएमओ के निर्देश पर बुधवार को अवैधानिक रूप से रखी गई गुमटी हटाई गई। गुमटी हटाने के दौरान संचालक द्वारा मेरे साथ अभद्रता की गई। गुमटी संचालक के परिजन मोहम्मद अजगर ने बताया कि हमने नगरपालिका से एनओसी और बिजली कनेक्शन मांगा गया था। बदले में नगरपालिका ने हमें यहां से बेदखल करते हुए हमारी गुमटी उठा ली। हमारे द्वारा नगरपालिका कर्मचारी के साथ कोई भी अभद्रता नहीं की गई। शहर में जितनी भी गुमटियां लगी हुई हैं वह सब नगरपालिका के नहीं बल्कि जनप्रतिनिधियों ने लगवाई हैं।