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नई दिल्ली

बिहार वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, चुनाव आयोग से पूछे ये अहम सवाल

जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस जयमॉल बागची ने सुनवाई करते हुए कहा कि इस प्रक्रिया को काल्पनिक करार देना सही नहीं है। इसमें कुछ हद तक तर्क है। SC ने चुनाव आयोग से पूछा कि आप विशेष पुनरीक्षण के दौरान सवालों में नागरिकता की ओर क्यों जा रहे हैं? जब आधार एक वैध पहचान है तो आप उसे वैध क्यों नहीं मान रहे हैं? जब यह प्रक्रिया पहले भी की जा सकती थी तो इसे इतनी देरी से क्यों शुरू किया गया?

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बिहार में चुनाव आयोग द्वारा वोटर लिस्ट विशेष गहन पनरीक्षण चलाए जाने के विरोध में कई NGO समेत विभिन्न राजनीतिक दलों ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रूख किया। सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में SIR पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया था, लेकिन आज की सनुवाई में उच्चतम न्यायालय ने चुनाव आयोग (Election Commission) से कई जरूरी सवाल पूछे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि SIR की प्रक्रिया में कोई समस्या नहीं है, लेकिन इसे बहुत पहले शुरू किया जाना चाहिए था। SC ने कहा कि चुनाव आयोग का यह कहना कि वह 30 दिनों के भीतर इस प्रक्रिया को पूरा कर लेगा, यह व्यवहारिक नहीं लगता है।