चिकित्सकों की हड़ताल से मरीज हुए
परेशान पश्चिम बंगाल में चिकित्सक से बलात्कार कर हत्या का मामला
डूंगरपुर. पश्चिम बंगाल में महिला चिकित्सक के साथ बलात्कार कर उसकी निर्मम हत्या करने के मामले में शनिवार को रेजिडेंट चिकित्सक सहित 68 चिकित्सक हड़ताल पर रहे। इससे जिला चिकित्सालय में मरीजों को उपचार को लेकर काफी दिक्कतें आई। हड़ताल के दौरान चिकित्सकों ने रैली निकालकर अपनी खून से सनी एप्रीन जलाकर कलक्ट्रेट के बाहर प्रदर्शन किया। चिकित्सकों की हड़ताल के चलते जिला चिकित्सालय का ऑउट डोर पूर्णतया बंद रहा और मरीजों को बिना चिकित्सक परार्मश के वापस घर लौटना पड़ा। इधर, चिकित्सालय के इमरजेंसी वार्ड में सेवाएं सुचारू रही। चिकित्सकों ने हड़ताल के दौरान इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन के बैनर तले जिला चिकित्सालय से एक वाहन रैली निकाली। रैली विभिन्न मार्गो से होते हुए जिला कलक्ट्रेट पहुंची। यहां पर चिकित्सक ने आरोपी को गिरफ्तार कर कठोर कार्रवाई की मांग की। चिकित्सकों ने प्रदर्शन के दौरान खून से सनी एप्रोन जलाकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद चिकित्सकों के प्रतिनिधि मण्ड़ल ने जिला कलक्टर को मुख्यमंत्री के नाम पर ज्ञापन सौंपा। वहीं, अखिल राजस्थान लेबोरेट्री टेक्नीशियन कर्मचारी संघ ने चिकित्सकों की हड़़ताल का समर्थन किया। दवाई खत्म हो गई है मां को दिखाने आया था चिकित्सकों की हड़ताल के कारण शनिवार को ऑउट डोर बंद रहा है। इससे मरीजों को बिना चिकित्सक परार्मश के वापस लौटना पड़ा। कोलखण्ड़ा निवासी विशेष योग्यजन प्रभाशंकर परमार ने बताया कि उसकी 75 वर्षीय मां होमा पत्नी मानकलाल परमार को ब्लड़ प्रेशर सहित अन्य बीमारी से परेशानी हुई थी। सात दिन पहले स्वास्थ्य खराब होने पर चिकित्सकों ने दवाई लिखी थी, जो शनिवार को खत्म होने पर दोबारा दिखाने आए थे, लेकिन चिकित्सकों की हड़ताल के चलते बिना दिखाए ही घर लौटना पड़ा। ऐसी ही िस्थति अन्य मरीजों के साथ भी रही। इधर, जिला चिकित्सालय का ओपीडी प्रतिदिन दो से तीन सौ मरीजों की होती है। आम दिनों में काउंटर पर मरीजों की कतार लग जाती है। इनका कहना है हड़ताल के चलते अस्पताल में सीएमएचओ ऑफिस से 30 अतििरक्त चिकित्सकों की व्यवस्था की गई है। जो ड्यूटी दे रहे है। इमरजेंसी में व्यवस्थाएं सुचारू है। ऑपरेशन भी हुए है। डॉ महेंद्र डामोर पीएमओ जिला चिकित्सालय डूंगरपुर