भीलवाड़ा। भीलवाड़ा विशिष्ट न्यायालय ( पोक्सो प्रथम) ने अपहरण व बलात्कार के एक साल पुराने मामले में अभियुक्त को दोषी मानते हुए बीस साल की सजा सुनाई। इसी प्रकार आरोपी को 59 हजार रुपए जुर्माना राशि से दंडित किया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार जिले के एक पुलिस थाने में एक व्यक्ति ने 31जुलाई 2024 को रिपोर्ट दी। इसमें बताया कि घर पर घोड़ी को ट्रेंड करने के लिए नारायण दमामी नामक व्यक्ति आता था। वह परिवार से परिचित भी था।
परिवादी का आरोप है कि आरोपी परिवादी की नाबालिग पुत्री को बहला फुसला कर ले गया। घटना को लेकर पुलिस को रिपोर्ट दी। पुलिस ने अनुसंधान के दौरान पीडि़ता को दस्तायाब कर आरोपी दमामी को गिरफ्तार किया। पूछताछ में सामने आया कि आरोपी नाबालिग को एक गांव में ले गया, यहां बंधक बना कर उसके साथ बलात्कार किया। पुलिस ने प्रकरण का अनुसंधान कर आरोपी के खिलाफ विशिष्ट न्यायालय (पोक्सो मामलात प्रथम) में चालान पेश किया।
न्यायालय में ट्रायल के दौरान विशिष्ट लोक अभियोजक धर्मवीर सिंह कानावत ने आरोपी के खिलाफ अपराध साबित करने के लिए 29 गवाह व 14 दस्तावेज पेश किए। विशिष्ट न्यायाधीश बालकृष्ण मिश्र ने अभियुक्त नारायण दमामी को अपहरण व बलात्कार का दोषी मानते हुए बीस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई और 59 हजार रुपए जुर्माना राशि से दंडित किया।