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टेक्सटाइल सिटी के भविष्य पर ‘एमडी’ के नशे का साया

स्मैक, हीरोईन, अफीम, चरस, डोडा व गांजे के नशे का कारोबार एमपी के रास्ते से मेवाड़, हाडौती, मारवाड से लेकर पंजाब व हरियाणा तक फैला हुआ है। नशे के सौदागरों ने भीलवाड़ा में भी अपनी जड़े जमा ली है। यही सौदागर अब भीलवाड़ा के युवाओं को एमडी के नशे की भट्टी में झोंकने की कोशिश कर रहे है।

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भीलवाड़ा। स्मैक, हीरोईन, अफीम, चरस, डोडा व गांजे के नशे का कारोबार एमपी के रास्ते से मेवाड़, हाडौती, मारवाड से लेकर पंजाब व हरियाणा तक फैला हुआ है। नशे के सौदागरों ने भीलवाड़ा में भी अपनी जड़े जमा ली है। यही सौदागर अब भीलवाड़ा के युवाओं को एमडी के नशे की भट्टी में झोंकने की कोशिश कर रहे है। राजस्थान पत्रिका पड़ताल में सामने आया कि शहर की एक दर्जन से अधिक बस्तियों से एमडी का यह जिंदगी को बरर्बाद करने वाला नशा युवाओं तक परोसा जा रहा है। वहीं जिला पुलिस का दावा है कि नहीं छोड़ेंगे तस्करों को7 करेंगे उनकी संपति सीज।

पत्रिका रिपोर्टर नरेन्द्र वर्मा मोडिवेशनलस्पीचर के रूप में कुछ पीडि़तों से मिले तो चौकान्ने वाला खुलासा हुआ। सुषमा (बदला हुआ नाम ) ने बताया कि वह एक साल से एमडी का नशा ले रही है। उसके ही साथी ने उसे गुटखे में एमडी मिला कर खिलाया, इसके बाद उसे लत लग गई। उसने बताया कि नशे के सौदागारों ने उस पर एमडी का नशा कितना चढ़ता है और क्या असर रहता है, इसका उपयोग किया। याने उन्हें नशे का स्टार्टर बम बनाया गया। एमडी की एक पुडकी ढाई हजार रुपए तक में मिलती है और उससे चार खुराक बनती है।

रानी (बदला हुआ नाम ) ने बताया कि एमडी का उपयोग कुछ लोग यौन शक्ति बढा़ने के लिए कर रहे है, ऐसे लोगों की जमात में पन्द्रह साल से लेकर साठ साल की आयु वर्ग के लोग भी शामिल है। इनमें किशोरियों व युवतियों को नशे का आदी कर उनकी कामुक इच्छाओं का बढ़ाया जाता है। इसके लिए संपन्न लोग मुंह मांगा भी पैसा देते है। इस नशे के कारोबार व उपभोग में उम्रदराज महिलाएं भी शामिल है। कईयों का तो कम उम्र में ही कई बार गर्भपात करवाया जा चुका है।

कॉलोनियां बन रही ठिकाना

पत्रिका पड़ताल में सामने आया कि नशे के सौदागर शहर में शहीद चौक, गुलअलीनगरी, हुसैन कॉलोनी, गुलमंडी, मारूतिनगर, द्धारिका कॉलोनी, तिलकनगर, पंचवटी में अपने पैरे जमाए हुए है। यहां पुलिस की दबिश की कार्रवाई भी अभी तक नाकाफी साबित हुई है।

किराएदार तक बने हुए है

नशे में झकड चुके कई लोगों ने सामूहिक रूप से शहर के कई हिस्सों में एक कमरे से लेकर पूरे मकान तक को किराए पर ले रखा है। यहां नशे के साथ देह व्यापार का कारोबार भी होता है। जबकि कई लोग स्वयं की मौज मस्ती के लिए भी छात्र-छात्रा या नवविवाहित बन कर कमरे किराए पर लिए है। कुछ लोगों ने तो सेक्स रैकेट तक बना रखा है, ऐसे लोग हनी ट्रेप को भी अंजाम दे रहे है।

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पुलिस ऐसी ठिकानों को कर रही चिंहित

पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह यादव ने इस बारे में बताया कि एमडी व अन्य नशों की लत्त होने के साथ ही मादक पदार्थ की तस्करी का कारोबार पनपने की जानकारी सामने आई है । थाना क्षेत्रों की पुलिस ऐसी ठिकानों को चिंहित करते हुए कार्रवाई कर रही है। संदिग्ध लोगों की निगरानी भी की जा रही है, पुलिस ने गिरफ्तारियां भी की है। तस्करों पर लगाम लगाने के लिए इस साल एनडीपीएस के सौ से अधिक मामले दर्ज किए है। प्रमुख तस्करों को दबोचा और साथ ही उनकी तस्करी से अर्जित कमाई सीज भी की है। अभिभावकों को चाहिए कि वह अपने बच्चों की दिनचर्या पर नजर रखे और पुलिस की मदद लेंवे।

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शरीर के लिए एमडी हानिकारक, रहे दूर

भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज के मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. नवीन बैरवा ने बताया कि एमडी एक रसायन है। इसके सेवन से ब्रेन तुरंत एनर्जिक हो जाता है, पहले एथेलीट के उपयोग करने की जानकारी सामने आती थी, लेकिन उपयोग अब यौन शक्ति बढ़ाने के लिए भी लोग करते है। यह शरीर के लिए कई मायने में हानिकारक है, इसके सेवन से मनो िस्थति प्रभावित है, खास तौर से युवा वर्ग को इससे दूर रहना चाहिए, यानि बचाव ही सावधानी है।