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चोली गांव में विराजित है भोजपुर के बाद प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा शिवलिंग

खरगोन. निमाड़ की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को संजोए हुए चोली गांव में स्थित गौरी सोमनाथ मंदिर प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा शिवलिंग है। मंडलेश्वर से करीब आठ किलोमीटर दूर स्थित यह मंदिर परमारकाल में तालाब के किनारे नागर शैली में निर्मित किया गया था। मंदिर में विराजमान शिवलिंग आठ फीट ऊंचा है, जो इसे विशेष बनाता है। प्रदेश में इससे बड़ा शिवलिंग केवल भोजपुर में है। राज्य पुरातत्व विभाग के संरक्षण में यह मंदिर न केवल धार्मिक रूप से, बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। जिला पुरातत्व संग्रहालय अध्यक्ष डॉ. डीपी पांडे के अनुसार होल्कर काल में देवी अहिल्याबाई होल्कर ने मंदिर और तालाब का जीर्णोद्धार करवाया था। मंदिर के गर्भगृह में कृष्ण लीला और राम लीला से संबंधित आकर्षक चित्रांकन भी करवाया गया था।

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खरगोन

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Amit Bhatore

Jul 21, 2025

खरगोन. निमाड़ की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को संजोए हुए चोली गांव में स्थित गौरी सोमनाथ मंदिर प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा शिवलिंग है। मंडलेश्वर से करीब आठ किलोमीटर दूर स्थित यह मंदिर परमारकाल में तालाब के किनारे नागर शैली में निर्मित किया गया था। मंदिर में विराजमान शिवलिंग आठ फीट ऊंचा है, जो इसे विशेष बनाता है। प्रदेश में इससे बड़ा शिवलिंग केवल भोजपुर में है। राज्य पुरातत्व विभाग के संरक्षण में यह मंदिर न केवल धार्मिक रूप से, बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। जिला पुरातत्व संग्रहालय अध्यक्ष डॉ. डीपी पांडे के अनुसार होल्कर काल में देवी अहिल्याबाई होल्कर ने मंदिर और तालाब का जीर्णोद्धार करवाया था। मंदिर के गर्भगृह में कृष्ण लीला और राम लीला से संबंधित आकर्षक चित्रांकन भी करवाया गया था।

गांव में दुर्लभ प्राचीन मंदिर स्थित है

इतिहास के जानकार दुर्गेश राजदीप के अनुसार चोली गांव को पुरातन मंदिरों का गांव कहा जाता है। यहां स्थित सिद्धेश्वर षडानन गणेश मंदिर में भगवान गणेश की 11 फीट ऊंची नृत्य मुद्रा में मूर्ति है, जो एक ही पत्थर से निर्मित दुर्लभ और अद्वितीय मानी जाती है। गांव में ही साढ़े 11 हनुमान, 52 भैरव, 64 जोगिनी और पाताल भैरवी जैसे कई अन्य प्राचीन मंदिर मौजूद है। किवदंति के अनुसार यह मंदिर महाभारतकालीन बताए जाते हैं। परंतु पुरातत्व विशेषज्ञों के अनुसार छठीं से सांतवी शताब्दी के मंदिर है। मंदिर के पुजारी भगवान धोनोरिया नाथ ने बताया कि श्रावण माह में मंदिर में विशेष धार्मिक आयोजन किए जा रहे हैं। बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं।