biperjoy cyclone effect: बिपरजॉय तूफान ने बिजली व सड़क तंत्र में करोड़ों रुपए का नुकसान किया है। वहीं अमृत इतना बरसाया कि किसानों के चेहरों पर रौनक आ गई और वे बुवाई में जुट गए हैं। कई किसानों ने खेतों में जुताई कर ग्वार, तिल आदि की बुवाई भी कर दी है, जिससे कि पांच-सात दिन में मानसून की बरसात आने पर फसल को लाभ हो। उधर, जिले के 16 बांधों पर पिछले एक सप्ताह से अभी तक चादर चल रही है। इसके अलावा करीब 17 बांधों पर भी चादर चली थी, जिससे नदियों में बहे पानी से कुएं भी रिचार्ज हुए हैं।
1 लाख 60 हजार का लक्ष्य
कृषि विभाग की ओर से खरीफ की फसल के लिए 1 लाख 60 हजार हैक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य तय किया गया है। पाली में मानसून वैसे जुलाई के पहले सप्ताह में आता है। उसी समय बुवाई शुरू होती है। इस बार बिपरजॉय तूफान की जल्दी बरसात होने से बुवाई भी करीब सप्ताह-दस दिन पहले शुरू हो गई है।
फसल को लाभ होगा
किसान मारवाड़ क्षेत्र में इस समय को आद्रा मानते है। इस समय बरसात के बाद बुवाई करने पर फसल बेहतर पकती है। बिपरजॉय तूफान से हुई बरसात के कारण जमीन नम हो गई है। अब फसल बुवाई चल रही है। मानसून आने पर फसल को अधिक लाभ होगा।
गिरधारीसिंह मंडली, अध्यक्ष, किसान संघर्ष समिति
बुवाई कर दी शुरू
बिपरजॉय तूफान की बरसात के बाद बुवाई शुरू कर दी है। हमारे क्षेत्र में ग्वार व तिल की बुवाई अधिक हो रही है। यह बरसात किसानों के लिए काफी फायदेमंद रहेगी। बुवाई के बाद मानसून की बरसात आने पर सिंचाई हो जाएगी। उत्पादन बेहतर होने की आस है।
बाबूसिंह राजपुरोहित, किसान, ठाकुरला
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इन बांधों पर चल रही चादर (मीटर में)
पाली जिला
मांडवाड़ा 0.003
मीठड़ी 0.02
ढारिया 0.05
सादड़ी 0.04
एंदला 0.15
गिरोलिया 0.10
लाटाड़ा 0.02
काणा 0.05
घोडादड़ा 0.03
सेली की नाल 0.07
राजपुरा 0.02
केसूली 0.03
हरिओम सागर 0.07
फुलाद 0.05
सेली की ढाणी 0.10
वायद 0.12
सिरोही जिला
टोकरा 0.01
भूला 0.01
स्वरूप सागर 0.01
बागरी 0.05
चिनार 0.05
महादेव नाला 0.05
वालोरिया 0.30
गंगाजली 0.05
वासा 0.05