roadquality : जोधपुर मार्ग हो या सोजत अथवा सुमेरपुर…चमाचम करती चौड़ी सड़कें देखकर हर किसी का मन प्रसन्न हो जाता था। हाल ही में बनीं सड़कें शहर के सौंदर्यकरण में भी बड़ी भूमिका निभा रही थी। लेकिन, चंद महीनाें में ही शहरवासियों की यह खुशी गायब होती जा रही है। करोड़ों की सड़कें तार-तार हो रही है। इसकी गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। जबकि, पाली से जोधपुर, पाली से सोजत और पाली से सुमेरपुर मार्ग पर पहली बार डिवाइडर और चौड़ी सड़कों का निर्माण किया गया है।
नजारा-1
सांईबाबा मंदिर से घुमटी की तरफ आगे बढ़ते ही हाउसिंग के बार्ड निकट सड़क तार-तार हो गई। यहां जगह-जगह डामर और कंकरीट उखड़ रही हैं। चमाचम करती सड़क पर उखड़ा डामर दाग की तरह लग रहा है।
नजारा-2
घुमटी रेलवे फाटक से हाईवे की तरफ मुड़ते ही सड़क एक जगह से पूरी तरह बैठ गई। यहां बड़ा गड्ढा हो गया। मुख्यमंत्री की यात्रा के कारण गड्ो को मिट्टी से पाटने की कोशिश की गई, लेकिन यहां मोड़ पर सड़क पर डामर और कंकरीट उखड़ रहा है।
नजारा-3
नया गांव की तरफ जाने वाली सड़क पर एक निजी अस्पताल के आसपास कुछ गड्ढे हो रखे हैं। नया गांव तक यह सड़क भी हाल ही में बनीं है। सड़क पर डामर उखड़ने से सड़क के निर्माण की गुणवत्ता पर लोग सवाल उठा रहे हैं।
मानसून अभी बाकी
मानसून की बारिश अभी बाकी है। कम बारिश में ही सड़कें जवाब दे रही है तो बारिश के दिनों में हालात ज्यादा खराब होना स्वाभाविक है। हालांकि, मौसमी बदलाव से दो-तीन बार शहर में बारिश हो चुकी है, लेकिन बारिश का पानी सड़कों पर ठहरना नहीं चाहिए। शहर के तीन प्रमुख मार्ग को डामरीकृत करने पर बड़ा बजट खर्च हुआ है।