बिहार में वोटर लिस्ट को लेकर महासंग्राम छिड़ा हुआ है। विधानसभा के मानसून सत्र में इसकी गूंज सुनाई दे रही है। बिहार विधानसभा में तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सही कहा कि यह आखिरी सत्र है और इसके बाद हम सभी को चुनाव में हिस्सा लेना है. जनता तय करेगी कि कौन आएगा और कौन नहीं. सबसे ज़रूरी बात यह है कि लोगों के वोट देने के अधिकार पर कोई आंच न आए. कल जो घटना हुई, वह हमें ठीक नहीं लगती. अगर इन पांच सालों में मुझसे कोई गलती हुई है, तो मैं माफ़ी मांगने को तैयार हूं. यह दोनों तरफ से होना चाहिए. चुनाव आयोग किसी की राष्ट्रीयता तय करने वाला कौन होता है? सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग द्वारा दिए गए हलफनामे में नेपाल, म्यांमार और बांग्लादेश जैसे शब्द नहीं हैं, तो ये सब कहां से आ रहा है? अगर सरकार कहती है कि घुसपैठिए आए हैं, तो यह खुद पर सवाल उठा रहा है.