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बेडमा गांव में कोबरा सांप का कुनबा निकलने से दहशत

अरनोद. निकटवर्ती बेडमा गांव में उस समय सनसनी फैल गई, जब एक पुराने खंडहरनुमा मकान के पास एक बिल से कोबरा सांप और उसके दर्जनभर सपौले निकलते नजर आए। यह नजारा देखते ही परिवार और आसपास के ग्रामीणों में दहशत का माहौल बन गया। ग्रामीणों ने तत्परता दिखाते हुए तुरंत अरनोद के रेस्क्यूअर सूरज कुमावत […]

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अरनोद. निकटवर्ती बेडमा गांव में उस समय सनसनी फैल गई, जब एक पुराने खंडहरनुमा मकान के पास एक बिल से कोबरा सांप और उसके दर्जनभर सपौले निकलते नजर आए। यह नजारा देखते ही परिवार और आसपास के ग्रामीणों में दहशत का माहौल बन गया। ग्रामीणों ने तत्परता दिखाते हुए तुरंत अरनोद के रेस्क्यूअर सूरज कुमावत और राजू मीणा को मौके पर बुलाया। टीम ने मौके पर पहुंचकर सूझबूझ से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और एक वयस्क कोबरा सहित उसके दस सपौलों को सुरक्षित पकड़ जंगल में छोड़ दिया।

कच्चे मकान और चूहों के बिल बने खतरे की वजह
गांव निवासी मकसूद खां ने बताया कि उनके मकान के पीछे स्थित एक कच्चे मकान की दीवारें पहले ही गिर चुकी हैं, और वहीं चूहों के कई बिल भी हैं। बीते दो दिनों से कोबरा के बच्चे मकान के आसपास नजर आ रहे थे, जिससे उनके परिवार में डर बना हुआ था। एक दिन जब बारीकी से निगरानी की गई, तो चूहों के बिल में सांप के बच्चों की गतिविधियां स्पष्ट दिखीं। इसी पर ग्रामीणों ने फौरन रेस्क्यू टीम से संपर्क किया।

रेस्क्यू टीम ने समय पर पहुंचकर बचाई जान
रेस्क्यूअर सूरज कुमावत और राजू मीणा ने मौके पर पहुंचकर बिल की गहराई से कोबरा सांप और उसके दस बच्चों को सुरक्षित निकाला। उन्होंने सभी को सुरक्षित जंगल में छोडऩे की प्रक्रिया पूरी की। हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि बिल में और भी बच्चे हो सकते हैं, जिस कारण अब भी दहशत बरकरार है।

गांव में बना भय का माहौल
घटना के बाद गांव में चर्चा का माहौल है। महिलाएं और बच्चे भय के कारण घरों से बाहर निकलने से कतरा रहे हैं। ग्रामीणों की मांग है कि वन विभाग द्वारा पूरे क्षेत्र का निरीक्षण किया जाए, ताकि ऐसे और खतरनाक जीवों की समय रहते पहचान कर कार्रवाई की जा सके।