रायगढ़. नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले दोषी को फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश प्रतिमा वर्मा ने पांच साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा अलग-अलग धाराओं में १०-१० हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। इस मामले में शासन की ओर से अधिवक्ता मोहन सिंह ठाकुर ने पैरवी की।
न्यायालयीन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चक्रधर नगर थाना क्षेत्र की एक नाबालिग को संबलपुरी गांव निवासी माली किशन खडिय़ा पिता गंगाधर खडिय़ा २५ वर्ष ने बीते २२ सितंबर २०१९ को शादी करने का झांसा दिया और बहला फुसला कर अपने साथ ले गया। वहीं उसके साथ दुष्कर्म किया। दो दिन बाद २४ सितंबर २०१९ को जंगल में नाबालिग को छोड़ कर फरार हो गया। पीडि़ता नाबालिग अपने घर पहुंची और मामले की जानकारी परिजनों को दी। परिजनों ने पारिवारिक सलाह के बाद इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने मामले में धारा ३६३, ३६६, ३७६ व लैगिंग अपराध की धारा ४, ६ के तहत अपराध दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार का मामला न्यायालय के सुपुर्द किया। इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश प्रतिमा वर्मा के न्यायालय में हुई। न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलील सुनी। इस जिरह में आरोपी पर दोष सिद्ध हुआ। ऐसे में आरोपी को ५ साल का सश्रम कारावास व विभिन्न धाराओं में १०-१० हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया। अर्थदंड नहीं जमा करने की स्थिति मेें दो-दो व पांच माह अतिरिक्त सजा काटना होगा। इस मामले में शासन की ओर से अधिवक्ता मोहन सिंह ठाकुर ने पैरवी की।