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रायगढ़

भारी वाहन के चपेट में आकर तीन मवेशियों की हुई मौत

0 लाखों खर्च के बाद भी गौठान नहीं आ रहा काम0 शाम होते ही चाहे शहर की सडक़ें हो या एनएच बन जाता है गौठान

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रायगढ़. मवेशियों के संरक्षण के लिए बनाए गए गौठान सिर्फ गोबर खरीदी व अन्य काम में उपयोग हो रहा है, जिसके चलते भारी वाहनों के चपेट में आने से बेमौत मारे जा रहे मवेशी, वहीं बीती रात एनएच ४९ पर अज्ञात वाहन के चपेट में आने से तीन मवेशियों की मौत हो गई तो एक गंभीर रूप से घायल हो गया है।
उल्लेखनिय है कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने के बाद शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में गौठान बनाया गया था, ताकि मवेशियों को वहां रखकर उसका देख-रेख किया जा सके, इसके लिए इन गौठानों पर शासन ने लाखों रुपए भी खर्च किये, जिससे कुछ दिनों तक तो ठीक-ठाक चला, लेकिन इसके बाद इस गौठान में रहने वाले मवेशी चारा-पानी के लिए तरसने लगे थे, जिसके बाद सभी गौठान बंद हो गया है। अब स्थिति ऐसी है कि इन दिनों चाहे शहर की सडक़ें हो या नेशनल हाईवे इन सडक़ों पर जगह-जगह मवेशियों का जमावड़ा आसानी से देखा जा सकता है। साथ ही रात होते ही इन मवेशियों की संख्या और बढ़ जाती है जो झूंड बनाकर सडक़ों को ही गौठान बना लेती है। जिससे रात के समय भारी वाहन चालक गाडियों को अनियंत्रित गति से दौड़ाते हैं, जिसके चपेट में आने से कई बार मवेशियों की मौत ही हो जा रही है। इसी क्रम में बीती रात राष्ट्रीय राजमार्ग ४९ रायगढ़-बिलासपुर एनएच में खरसिया थाना क्षेत्र के ग्राम पतरापाली के पास किसी अज्ञात भारी वाहन चालक ने लापरवाही पूर्वक वाहन चलाते हुए चार गायों को रौंद दिया, जिससे तीन की तो मौके पर ही मौत हो गई, तो वहीं एक गाय गंभीर रूप से घायल हो गई। हालांकि इस तरह की घटना आए दिन हो रहा है, लेकिन इसके बाद भी इन मवेशियों को संरक्षण करने के लिए किसी भी तरह की पहल नहीं हो रही है। वहीं कई बार पशु प्रेमियों द्वारा इन घायल गायों का उपचार भी कराया जाता है, लेकिन इनको रहने के लिए सुविधा नहीं होने के कारण फिर से सडक़ों के ही ईद-गिर्द चक्कर काटते रहते हैं। ऐसे में इस शासन की महती योजना को लेकर लोगों में चर्चा का विषय बन चुका है।
क्या कहते हैं स्थानीय लोग
इस संबंध में पतरापाली के ग्रामीणों ने बताया कि रात के अंधेरे में सडक़ पर बैठे गायों को भारी वाहनों से टक्कर लगने के बाद सडक़ें ख्ूान से लाल हो गई थी, साथ ही समय पर उपचार नहीं मिलने के कारण तीन मवेशी मौके पर ही दम तोड़ दिया, वहीं एक मवेशी जीवन और मौत से संघर्ष कर रहा था, जिसका उपचार जारी है, लेकिन गंभीर चोट लगने के कारण इसकी भी स्थिति गंभीर बनी हुई है।
छोटे वाहन चालक भी परेशान
गौरतलब हो कि इन मवेशियों का संरक्षण नहीं हो पाने के कारण शहर की रात होते ही सडक़ों पर आ जा रहे हैं। जिससे रात के अंधेरे में छोटे वाहन चालक इनसे टकरा जाते हैं, जिससे कई बार गंभीर चोट लगने के कारण अस्पताल पहुंच जा रहे हैं। ऐसे में चाहे शहर की सडक़ें हो या नेशनल हाईवें सभी जगह यही स्थिति बनी हुई है। ऐसे में इन मवेशियों को सुरक्षित करने निगम भी ध्यान नहीं दे रहा है।
बोर्ड लगाकर भगा रहे मवेशी
गौरतलब हो कि इन दिनों नगर निगम शहर की सडक़ों में जगह-जगह मवेशी मुक्त का बोर्ड लगाया हुआ है, जिसमें बकायदा नंबर भी लिखा है, ताकि इन क्षेत्रों में मवेशी दिखे तो उक्त नंबर पर संपर्क करें, लेकिन स्थिति तो ऐसी है कि पूरे शहर में दर्जनों गाय व सांड़ हमेशा घूमते रहते हैं। कई बार ये मवेशी आपस में इस कदर लड़ जाते हैं कि सडक़ किनारे खड़ी बाइकों को क्षतिग्रस्त कर देते हैं तो कई बार इनसे बचने के चक्कर में आमजन भी घायल हो जा रहे हैं। इसके बाद भी नगर निगम सिर्फ बोर्ड लगाकर अपना पल्ला झाड़ लिया है।