लक्ष्मणसिंह राठौड़ @ राजसमंद
ऐतिहासिक कुंभलगढ़ दुर्ग व चीन के बाद दूसरे नम्बर की सबसे बड़ी दीवार देखने आने वाले देसी- विदेशी पर्यटकों के वाहन पार्क करने की कोई सुविधा नहीं है। इस कारण आधा किमी. तक लोग सड़क किनारे वाहन पार्क करके पैदल दुर्ग पर जाने को मजबूर है। पार्किंग की गंभीर समस्या के बावजूद न तो पर्यटन, पुरातत्व महकमा गंभीर है और न ही उपखंड प्रशासन द्वारा कोई ठोस प्रयास किए जा रहे हैं, जिसका खमियाजा पर्यटकों के साथ ही स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ रहा है। सड़क किनारे वाहन खड़े होने से कई बार वाहनों को घूमाने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है, जिसकी वजह से आए दिन जाम लगने से लोगों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
जानकारी के अनुसार ओदी चौराहे से दुर्ग मार्ग पर बड़ी बसे आगे नहीं जा सकती है, क्योंकि हल्लापोल की ऊंचाई बहुत छोटी है। इसके चलते बड़ी बसें ओदी चौराहे पर ही खड़ी रहती है, जहां से टैक्सी किराए पर लेकर पर्यटक दुर्ग पर जाने को मजबूर है। ओदी चौराहे पर भी बसों की पार्किंग की कोई सुविधा नहीं है, जिससे सभी बसें सड़क किनारे ही खड़ी रहती है। इस कारण हर वक्त हादसे की आशंका बनी रहती है। जीप, टैक्सी व कार हल्लापोल से दुर्ग तक जाती है, मगर रामपोल के बाहर सिर्फ 30 से 50 कारों के पार्किंग की ही जगह उपलब्ध है। इसके चलते उससे दो से तिगुने वाहन हल्लापोल के बाहर सड़क किनारे ही खड़े रहते हैं, जिसकी वजह से आए दिन जाम लगने से लोगों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
दुर्ग व्यू पॉइंट तक पार्किंग
कुंभलगढ़ दुर्ग के रामपोल के बाहर पार्किंग स्थल काफी छोटा है, जो प्रतिदिन आने वाले पर्यटकों के लिए नाकाफी है। सीजन में हल्लापोल से लेकर वन विभाग के दुर्ग व्यू पॉइंट तक सड़क किनारे वाहन खड़े हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में पर्यटकों को आवाजाही में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
वाहन घूमाने का प्रबंध नहीं
सीजन में अक्सर सड़क के दोनों किनारे पर पर्यटक वाहन खड़े कर देते हैं, तब वाहनों को वापस मोडऩा बड़ा मुश्किल है। इसको लेकर आए दिन वाहन चालकों के बीच लड़ाई झगड़े होते रहते हैं। कई बार केलवाड़ा थाना पुलिस को पहुंचकर भी यातायात व्यवस्था सुचारू करने में कई घंटे लग जाते हैं।
पार्किंग का प्रस्ताव कागजों में
दुर्ग से ओदी चौराहे आते वक्त दाईं तरफ खातेदारी जमीन को अधिगृहीत कर पार्किंग स्थल विकसित करने के प्रस्ताव तैयार किया, मगर इस प्रस्ताव को कागजों से धरातल पर उतारने के लिए कोई त्वरित कार्रवाई प्रशासनिक स्तर पर नहीं की जा रही है।