रतलाम. मजदूरी करके अपना व अपने परिवार का भरण-पोषण करने वाले मजदूरों के लिए ना तो छत है ना ही दीवारें उनका घरोंदा तो खुला आसमांं और खुली जमीं है। छत्रीपुल रोड स्थित खुली भूमि पर अपना बसेरा बसा रखने वाले मजदूरों ने बगैर किसी डर के अपने सामान को आसमां के भरोसे छोड़ कर मजदूरी करने चले जाते हैं और शाम को आकर पोटलियों में बंद सामान खोलकर आशियाना बनाकर खाना बनाकर सो जाते हैं।