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खाद्य सुरक्षा अधिकारी के घर से मिले संपत्ति के दस्तावेज, तीन बस्ते भरकर ले गई ईओडब्लू की टीम

- जबलपुर- नरसिंहपुर और सागर में सुबह 6 बजे शुरू हुई कार्रवाई- दोपहर 1 बजे तक चलती रही संपत्ति के दस्तावेजों की तलाश

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सागर

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Sanjay Sharma

Jul 07, 2023

सागर. जिले में पदस्थ खाद्य सुरक्षा अधिकारी के द्वारिका विहार िस्थत आवास सहित जबलपुर- नरसिंहपुर में शुक्रवार सुबह ईओडब्लू (आर्थिक अपराध अन्वेषण विंग) ने एक साथ छापा मारा। सागर में सात घंटे चली सर्चिंग के बाद ईओडब्लू के अधिकारी तीन बस्तों में दस्तावेज इकट्ठा करके अपने साथ ले गए हैं। यहां बड़ी नकदी या संपत्ति का भी सीधे तौर पर पता नहीं चला है।

अधिकारी दस्तावेजों की पड़ताल से संपत्तियों – बैंक लॉकर का पता लगने का अनुमान हैं। उधर जबलपुर में ईओडब्लू टीम को शुगर फैक्ट्री में 90 लाख रुपए से ज्यादा के निवेश, जबलपुर- नरसिंहपुर में आलीशान भवन, दो से ज्यादा प्लॉट सहित करोड़ों की संपत्ति का पता लगा है। पड़ताल कर रहे अधिकारी नौकरी में आने के बाद खाद्य सुरक्षा अधिकारी की संपत्ति आय से 600 गुना ज्यादा होने का अनुमान लगा रहे हैं। शुक्रवार सुबह 5.30 बजे ईओडब्लू की टीम दो राजपत्रित अधिकारियों के साथ तिली क्षेत्र स्थित द्वारिका विहार कॉलोनी के फेस-1 में पहुंची थी। यहां डुप्लेक्स भवन 107/108 की ऊपरी मंजिल पर रहने वाले खाद्य सुरक्षा अधिकारी अमरीश दुबे ने जैसे ही दरवाजे खोले टीम ने सब कुछ अपनी निगरानी में ले लिया। दुबे को एक हिस्से में बैठाकर उनसे पूछताछ करते हुए ईओडब्लू निरीक्षक लक्ष्मी यादव के निर्देशन में सर्चिंग शुरू की गई। इस दौरान घर के हर एक कोने में तलाश कर दस्तावेज इकट्ठा किए गए। अधिकारी दोपहर 1 बजे तक दस्तावेजों की जांच करने के बाद उन्हें बस्तों में बांधकर अपने साथ लेकर रवाना हो गए।

वर्तमान में सागर में तैनात खाद्य सुरक्षा अधिकारी अमरीश दुबे की नियुक्ति खाद्य एवं औषधि विभाग में वर्ष 2008 में हुई थी। वे वर्ष 2011 में खाद्य सुरक्षा अधिकारी बने और जबलपुर में उनका लंबा कार्यकाल रहा। अमरीश दुबे शहर की द्वारिका विहार कॉलोनी में रहते हैं। शुक्रवार सुबह ईओडब्लू की कार्रवाई शुरू होने के बाद दोपहर तक उनके घर के आसपास सन्नाटा पसरा रहा। उनके पड़ोसी भी खिड़की- दरवाजों से झांकते चुप्पी साधे रहे। करीब तीन साल पहल खाद्य एवं औषधि विभाग के अधिकारी के रूप में सागर में कार्यभार संभालने के बाद दुबे लगातार सक्रिय रहे लेकिन उनकी कार्रवाइयों पर भी सवाल उठने लगे थे।

कई व्यापारियों द्वारा तो इसकी शिकायत भी वरिष्ठ अधिकारियों से की गई थी। जिला प्रशासन द्वारा फूड सेंपलिंग के लिए दिन का निर्धारण करने के बाद भी वे अपने मनमाने तरीके और निजी कर्मचारियों के साथ दुकानों पर धावा बोलते थे। स्थानीय व्यापारी उन पर जब्त किए माल को गायब करने के भी आरोप लगा चुके हैं। इसको लेकर जिला व्यापारी महासंघ अध्यक्ष शिखर कोठिया ने सूचना के अधिकार के तहत दाल मिल से जब्त तेवड़ा दाल, एक अन्य प्रतिष्ठान की मावा के संबंध में जानकारी हासिल की तो दुबे का कार्यालय जानकारी ही नहीं दे सका।