सतना। अपनी निजी थर्म यात्रा पर निकले राजस्थान के कद्दावर कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने सोमवार को ऐतिहासिक कांलिजर किले के नीलकंठ महादेव के दरबार में अपना मत्था टेका। राजस्थान की गहलाेत सरकार की नाक में दम करने के लिए पहचान जाने वाले पायलट का सतना जिले में दो दिन धार्मिक दौरा मैहर की माता शारदा मंदिर से शुरू होकर कालिंजर के नीलकंठ महादेव मंदिर पर समाप्त हुआ। इस दौरान राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा लगातार उनके साथ रहे। हालांकि इस दौरान पायलट और उनके साथ के सभी लोगों ने मीडिया से पर्याप्त दूरी बना कर रखीं, लिहाजा कयासों को भी खूब राजनीतिक हवा इनके इस दौरे को लेकर चलती रही।
रविवार को मैहर में मां शारदा के दर्शन उपरांत सचिन पायलट सतना आ गये थे। दूसरे दिन सोमवार की सुबह ही वे विवेक तन्खा और मनीष तिवारी मैहर के साथ नागौद क्षेत्र के लिए निकल गए। हालांकि यह उनका व्यक्तिगत दौरा था फिर भी कुछ लोगों को दौरे की टाइमिंग की जानकारी दी गई थी। लेकिन पायलट इससे आधा घंटा पहले पहुंचे। सबसे पहले वे क्षेत्र के प्रसिद्ध हनुमान मंदिर खैरुआ सरकार पहुंचे। यहां पर उन्होंने हनुमान जी की विधिवत आरती की। यहां भोग प्रसाद चढ़ाने के बाद वे सिंहपुर दरगाह पहुंचे। यहां पर चादर चढ़ाने के बाद वे नकटी गांव स्थित देवी मंदिर पहुंचे।
छग सीएम भूपेश हर साल आते हैं
खैरुआ सरकार हनुमान मंदिर में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हर साल पहुंचते हैं। उन्होंने यहां पर स्वीकार किया था कि उन्हें सीएम बनाने में खैरुआ सरकार का योगदान रहा है। इसके बाद यहां कई राजनेताओं ने पहुंच कर अपना मत्था टेका है।
कयासबाजी भी साथ चलती रही
इधर पायलट की धर्मयात्रा को लेकर तमाम कयासबाजी चलती रही। कहा गया कि कुछ दिन पहले हरिद्वार की यात्रा इन्होंने की है इस दौरान आचार्य प्रमोद कृष्णम से मुलाकात हुई है। यहां भी तन्खा जी के साथ उनकी यात्रा हो रही है। इससे संकेत है कि राजस्थान में इनकी वजह से बढ़ी तपिश को धार्मिक शांति प्रदान कराने मध्यप्रदेश भेजा गया है। इसमें तन्खा जी को जिम्मेदारी दी गई है। एक कयासबाजी नई पार्टी के गठन को लेकर भी हो रही है। हालांकि यह सिर्फ कयास ही रहें। इस पर कोई कमेंट न तो पायलट ने किया न ही तन्खा ने।