मनुष्य के सर्वांगीण विकास में शारीरिक सौष्ठता और पुष्ठता का कोई विकल्प नहीं
हिंदी में शिक्षा ग्रहण कर भी अखिल भारतीय सेवाओं में सफल हो सकते हंै विद्याथी
सरस्वती विद्यालय में प्रांतीय संास्कृतिक महोत्सव का शुभारंभ
शहडोल. हिंदी में शिक्षा ग्रहण कर भी अखिल भारतीय सेवाओं में विद्यार्थी सफल हो सकते है। अखिल भारतीय सेवाओं में जाने के लिए अब अंग्रेजी की गुलामी नहीं रही। संस्कृत को पिछड़ी भाषा नहीं समझनी चाहिए। संस्कृत देव भाषा है इसका उपयोग भी करना चाहिए। प्रदेश के चिकित्सा महाविद्यालयों में आज चिकित्साशास्त्र का पाठन हिंदी में प्रारंभ हो रहा है, इससे नि,िचत ही विद्यार्थियों को चिकित्साशास्त्र को समझने में सहुलियत होगी। कमिश्नर राजीव शर्मा ने यह बातें सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में प्रांतीय संास्कृतिक महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर कही। उन्होने कहा कि बेटियां पौष्टिक आहार करे और तन मन से स्वस्थ्य रहें। बेटियों में कुपोषण का स्तर बहुत है बेटियां कुपोषित होगी तो समाज और राष्ट्र कुपोषित होगा। हम कमजोर हड्डियों से राष्ट्र का विकास नहीं कर सकते है। एक स्वस्थ्य भारत के लिए बेटियों का शक्तिशाली होना आवश्यक है। बेटियां पौष्टिक आहार लें, आयरन की उच्च मात्रा वाली सब्जियों का उपयोग करें। मनुष्य के सर्वांगीण विकास के लिए जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए शारीरिक सौष्ठता और पुष्ठता आवश्यक हैं। कमिश्नर ने विद्यार्थियों से कहा कि वे मानसिक एवं शारीरिक तौर से बलशाली बने, शरीर को पुष्ठ और मजबूत बनाए। विद्या भारती ने संसाधनों के संघर्ष की लंबी यात्रा पिछले 50 वर्षों में तय की है। आज विद्या भारती के शिक्षण संस्थान रामेश्वरम से लेकर लद्दाख तक और समुद्र के पार भी है। सदियों की गुलामी से आजाद हुए भारत को पुर्नजीवित करने का असंभव कार्य था जिसे विद्या भारती जैसी संस्थाओं ने पुर्नजीवित कर दिया। समारोह को विधायक जयसिंह मरावी, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री विद्या भारती रामजी आरावकर, डॉ. आनंद राव, राघवेन्द्र शुक्ल ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर प्राचार्य जीतेन्द्र मिश्रा, मृगेन्द्र श्रीवास्तव, अनिल द्विवेदी, रवि रजक, देवेन्द्र नाथ चतुर्वेदी सहित विद्यालय परिवार व छात्र-छात्रा उपस्थित रहे।
प्रतियोगिताओं का हुआ आयोजन
प्रांतीय सांस्कृति महोत्सव में लगभग 20 जिलों से प्रतिभागी सरस्वती विद्यालय पहुचे हुए है। रविवार को प्रतिभागियों ने रंगोली, चित्रकला, गायन, वादन सहित अन्य कला में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया गया। सुबह से लेकर शाम तक अलग-अलग विधाओं में छात्रों ने सहभागिता की। जिसका निर्णायक मंडल ने आंकलन भी किया।