सीधी। रवी सीजन शुरू होते ही खाद के लिए मारामारी शुरू हो गई है। गेहूं की बोनी के लिए डीएपी व एनपीके की आवश्यकता है, लेकिन इसकी उपलब्धता समितियों में नहीं है। किसान खाद के लिए डबल लॉक केंद्र पहुंच रहे हैं, लेकिन यहां भी खाद के लिए मारामारी चल रही है। मंगलवार को सुबह करीब 9 बजे पत्रिका टीम द्वारा शहर के पटेल पुल मोहल्ला स्थित डबल लॉक केंद्र का जायजा लिया गया तो, यहां करीब तीन सैकड़ा से अधिक किसान खाद के लिए लाइन में लगे हुए थे, जबकि डबल लॉक केंद्र मेें डीएपी की उपलब्धता नहीं थी। डीएपी की जगह उपयोग की जाने वाली खाद एनपीके मात्र 232 बोरी उपलब्ध थी। कतार में लगे ज्यादातर किसानों ने बताया, सुबह 6 बजे से लाइन लगी है, 10 बजे से टोकन वितरण शुरू होगा, इस आस में हैं को एक दो बोरी भी खाद मिल जाए तो गेहूं की बोनी शुरू कर सकें।
करीब 55 किमी की दूरी तय कर मझौली विकासखंड के पोंड़ी से खाद लेने के लिए कतार मेंं लगे अंजनी वैश्य ने बताया, सुबह 6 बजे ही घर से चल दिये थे, यहां 7 बजे पहुंचे तो 100 लोगों की कतार लग चुकी थी। जरूरत तो 20 बोरी खाद की थी, लेकिन यहां भीड़ देखकर व खाद की उपलब्धता देखकर लग रहा है कि एक-दो बोरी भी खाद किसी तरह मिल जाए। इसी तरह ग्रामीण अंचलों से बड़ी संख्या में किसान खाद की आस में डबल लॉक केंद्र पहुंचे थे।
इस सीजन नहीं आई डीएपी-
गेहूं की बुवाई के लिए जिले के किसानों की पहली प्राथमिकता डीएपी खाद की रहती है। लेकिन इस वर्ष रवी के सीजन में अभी तक जिले में डीएपी की रैक नहीं उतरी है। डीएपी की जगह एनपीके किसानों को उपलब्ध कराई जा रही है। लेकिन डबल लॉक केंद्र सहित समितियों में भी एनपीके उपलब्ध नहीं होने से किसान परेशान हैं।
232 बोरी थी एनपीके, घंटे भर में खाली-
मंगलवार को डबल लॉक केंद्र सीधी में एनपीके 232 बोरी ही उपलब्ध थी। जबकि यूरिया एवं सुपर फास्फेट की पर्याप्त मात्रा में थी। किसान डीएपी व एनपीके लेने के लिए ही कतार में लगे थे। सुबह 10 बजे टोकन बंटना शुरू किया गया, करीब घंटे भर में ही एनपीके खतम हो गई। शुरूआती दौर में पांच-छ: बोरी प्रति किसान खाद का टोकन दिया जा रहा था, लेकिन किसानों की भीड़ को देखते हुए प्रति किसान दो बोरी सीमित कर दिया गया। इसके बावजूद दो सैकड़ा से अधिक किसानों के हिस्से में एक भी बोरी खाद नहीं आ पाई।
किसानों ने सुनाया दर्द-
सुबह 6 बजे से खाद के लिए कतार में लगे हैं। बता रहे 200 बोरी ही खाद है, पता नहीं मेरा नंबर आने तक खाद बचेगी या नहीं। हर साल यही रोना रहता है, बोनी के समय खाद नहीं मिल पाती।
विश्राम साकेत, किसान रामपुर
तीन चार दिन से खाद के लिए चक्कर लगा रहा हूं। रोज 10 बजे के बाद आता था, तो खाद नहीं मिल पाती थी, आज सुबह 7 बजे ही आ गया, फिर भी लग रहा खाद मिलना मुस्किल है।
लालमणि कोरी, किसान बैरिहा
55 किमी दूर से खाद लेने आया हूं। सुबह 6 बजे ही घर से चल दिया था, 7 बजे यहां पहुंचता तो लंबी लाइन लगी थी। समितियों में भी खाद नहीं है। क्या पता आज मिल भी पाती है या नहीं।
अंजनी वैश्य, किसान पोंड़ी
समितियों में खाद की उपलब्धता न होने से जिला मुख्यालय आना पड़ रहा है। इस उम्मीद से वाहन बुक कर आया था कि खाद मिल जाएगी। लेकिन यहां देखकर नहीं लग रहा खाद मिल पाएगी।
द्वारिका वैश्य, पोंड़ी
तीन-चार दिन बाद ही आ पाएगी खाद-
बुवाई के लिए किसानों की मांग डीएपी व एनपीके खाद की है। समितियों में खाद नहीं है। डबल लॉक केंद्र में जो थी दो दिन में बंट गई। आज 232 बोरी एनपीके का वितरण हुआ है। अब तीन-चार दिन बाद ही खाद आ पाएगी। उम्मीद है इस बार डीएपी खाद की रैक आएगी। हम मजबूर हैं, जब खाद आएगी तभी वितरण होगा।
नरेंद्र प्रताप ङ्क्षसह, जिला विपणन अधिकारी सीधी