सीधी। आरक्षण संबंधी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में देश व्यापी भारत बंद के आह्वान पर सीधी जिला मुख्यालय सहित तहसील मुख्यालयों में भी एससी एसटी व ओबीसी संयुक्त मोर्चा संगठन द्वारा सडक़ पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया। संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारी व कार्यकर्ता अलग-अलग टोलियों में शहर की सडक़ों में उतरकर रैली निकालते हुए व्यापारियों से दुकानें बंद करने का आह्वान करते रहे। हालांकि बंद का असर न के बराबर दिखा। शहर की सभी दुकाने खुली रही, वहीं यात्री वाहनों सहित आम वाहनों का भी आवागमन रोजाना की तरह जारी रहा। रैली के दौरान संयुक्त मोर्चा के कहने पर व्यापारियों ने दुकानों का शटर डाउन कर लिया था, लेकिन रैली के आगे बढ़ते ही दुकानें खोल ली गई।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार संयुक्त मोर्चा का विरोध प्रदर्शन दोपहर करीब 12 बजे से शुरू हुआ, जो अपरान्ह 5 बजे कलेक्ट्रेट चौक में ज्ञापन सौंपने के बाद समाप्त हुआ। दोपहर 12 बजे संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारी व कार्यकर्ता शहर के गांधी चौक में एकत्रित हुए, जहां से अलग-अलग टुकडिय़ों में शहर के विभिन्न मार्गों के लिए रवाना होकर व्यापारियों से दुकानें बंद करने का आह्वान करते रहे। अंत में सभी टोलियां पुन: कलेक्ट्रेट चौक में एकत्रित हुईं।
दुकानदारों से हुई नोक-झोंक-
भारत बंद का आह्वान पर संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों की रैली गांधी चौक से सराफा बाजार मार्ग की ओर रवाना हुई। इस दौरान दुकाने लाउड स्पीकर से दुकाने बंद करने का आह्वान किया जा रहा था। लेकिन व्यापारी दुकान बंद नहीं कर रहे थे, जिसे लेकर कुछ व्यापारियों से कार्यकर्ताओं की नोक झोंक होने लगी। लेकिन मौके पर उपस्थित पुलिस बल ने दोनो पक्षों को शांत करा दिया।
बाइक रैली भी निकाली-
संयुक्त मोर्चा के युवाओं की टीम द्वारा शहर में बाइक रैली भी निकाल कर प्रदर्शन किया गया। इस दौरान हम अपना अधिकार मांगते, नहीं किसी से भीख मांगते का नारा लगाते हुए युवाओं की टोली शहर के विभिन्न मार्गों में भ्रमण किया।
बड़ी संख्या में पुलिस बल रहा तैनात-
संयुक्त मोर्चा के भारत बंद, विरोध प्रदर्शन व रैली के दौरान सुरक्षा के मद्देनजर बड़ी संख्या में पुलिस बल सुरक्षा उपकरणों के साथ तैनात रहा। रैली के आगे व पीछे भी बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात रहे। इसके साथ रैली के साथ पुलिस का वज्र वाहन भी चलता रहा है।
इन मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन-
*पंजाब राज्य बनाम दविंदर सिंह मामले में आए निर्णय के फैसले को पलटते हुए केंद्र सरकार तत्काल संविधान संसोधन लाए।
*अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के पदोन्नति में आरक्षण मामले को अघोषित रूप से निष्प्रभावी करने की पेचीदिगियों को खत्म करने के लिए संविधान संसोधन लाया जाए।
*अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़े वर्गों के विद्यार्थियों के लिए आय प्रमाण पत्र की आवश्यकता को खत्म किया जाए।
*वर्ष 2000 में लोकसभा में प्रस्तुत करिया मुंडा की रिपोर्ट न्यायपालिका में अनुसूचित जाति जनजाति वर्गों के लिए उर्जा की नियुक्ति में आरक्षण का प्रावधान करने संबंधी अनुशंशा को लागू करें।
*ओबीसी वर्गों में क्रीमोलेयर का प्रावधान बंद करने संबंधी संविधान संसोधन लाया जाए।
*नीति आयोग के निर्देशानुसार अनुसूचित जाति, जनजाति वर्गों के लिए आवंटित पृथक बजट अनुसूचित जाति कंपोनेंट प्लान एवं ट्राइवल सब प्लान की राशि का 100 प्रतिशत लक्षित उद्देश्यों में खर्च करने के लिए कानून बनाया जाए।
*देश भर के अनुसूचित जनजाति बाहुल्य क्षेत्र में लागू पांचवी अनुसूची अंतर्गत पेसा कानून के दिशा निर्देशों का समुचित पालन किया जाए।
*9वीं अनुसूची को कानूनी समीक्षा के दायरे से बाहर रखे जाने संबंधी संविधान संशोधन लाया जाए!