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खाद के लिए धक्के खा रहा अन्नदाता, संगीनों के साये में वितरण

खाद खतम, अपनी बारी आने का इंतजार करते रह गए किसान, डबल लॉक केंद्र में व्यवस्था बनाने तैनात करना पड़ा पुलिस

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सीधी। रबी सीजन में गेहूं की बुवाई के लिए अन्नदाता परेशान हैं। उन्हें डीएपी खाद नहीं मिल पा रही है। डबल लॉक केंद्र में किसान खाद के लिए धक्के खा रहा है, विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है, लेकिन जब तक नंबर आता है, सैकड़ो किसान बैरंग लौट जाते हैं। चार दिन के इंतजार के बाद जब सोमवार को जब डीएपी खाद का लाट पहुंचा तो किसानों की भीड़ टूट पड़ी। मंगलवार को देर शाम तक अन्नदाता डीएपी खाद के लिए मशक्कत करते रहे, लेकिन दो सैकड़ा किसानों को मायूस होकर लौटना पड़ा। देर शाम तक कतार में लगे रहने के बाद भी उनकी बारी आने तक खाद खतम हो चुकी थी।

पत्रिका टीम द्वारा मंगलवार की दोपहर डबल लॉक केंद्र सीधी का भ्रमण लेकर जायजा लिया गया तो यहां संगीनो के साये में खाद का वितरण चल रहा था। यहां तैनात दो पुलिसकर्मी किसानों की लाइन को व्यवस्थित कराने में जुटे हुए थे। कई किसान तो लाइन की धक्कामुक्की देख हैरान होकर दूर ही खड़े रह गए, वह काउंटर तक जाने की हिम्मत ही नहीं कर पा रहे थे।

190 टन डीएपी खाद दो दिन में खतम-
डबल लॉक केंद्र में रविवार को 190 टन यानि 3800 बोरी डीएपी खाद की रैक उतरी थी। चार दिन इंतजार के बाद जब खाद का वितरण शुरू हुआ तो यहां सुबह 6 बजे से ही किसानों की लंबी कतार लगी थी। सोमवार को रात करीब 8.30 बजे तक खाद व टोकन का वितरण किया गया। 100 से अधिक टोकन मंगलवार को खाद लेने के लिए किसानों को थमा दिये गए थे।
मंगलवार को दोपहर तक महज 350 बोरी डीएपी खाद बची थी, जबकि दो सैकड़ा से अधिक किसान कतार में अपनी बारी के इंतजार में खड़े हुए थे। 5 बजे तक खाद खतम हो गई।

अब दो दिन का और इंतजार-
डीएपी खाद की अगली रैक दो दिन बाद उतरने की उम्मीद जताई गई है। किसान खाद न मिलने से निराश हैं। क्योंकि बोनी के लिए खेत तैयार कर अब खाद के लिए मशक्कत कर रहे हैं। दो दिन में खाद की रैक आए जाएगी, इसकी भी कोई गारंटी नहीं हैं।

किसानों का दर्द-
सोमवार को दिन भर मशक्कत के बाद मंगलवार के लिए टोकन दिया गया था, सुबह से लाइन में लगा हूं, अभी तक नंबर नहीं आया। यहां टोकन देने के बाद भी गड़बड़ी की जा रही है।
दिलीप सिंह, किसान पटेहरा कोठार

कल से खाद के लिए मशक्कत कर रहा हूं, सुबह सात बजे से ही लाइन में लग गया था, लेकिन लाइन आगे बढ़ ही नहीं रही, पता नहीं किस तरह टोकन व पर्ची का वितरण किया जा रहा है।
बालमीक पटेल, किसान उकरहा

समितियों में खाद उपलब्ध नहीं है, इसलिए जिला मुख्यालय खाद लेने आना पड़ा। यहां खाद वितरण में मनमानी की जा रही है। हम कतार में लगे हैं, कई लोग बाद मेें आए और खाद लेकर चले गए।
केशव जायसवाल, किसान मड़वा

खेत तैयार कर चुका हूं, लेकिन खाद नहीं मिलने से गेहूं की बुवाई नहीं कर पा रहा। सोमवार दिन भर मशक्कत करता रहा, खाद नहीं मिली। मंगलवार को भी सुबह से परेशान हूं, लगता है आज भी नंबर नहीं आएगा।
अश्वनी पटेल, किसान उकरहा

वर्जन-
खाद वितरण में किसानों द्वारा ही अव्यवस्था उत्पन्न की जा रही है, इसलिए व्यवस्था बनाने के लिए पुलिस बल का सहयोग लेना पड़ रहा है। जो रैक उतरी थी, वह समाप्ती की ओर है, अब डीएपी की नई रैक उतरने में दो-तीन दिन का समय लगेगा।
नरेंद्र प्रताप ङ्क्षसह, जिला विपणन अधिकारी सीधी