रविन्द्र सिंह राठौड़
rajasthanpatrika.com
यहां परिवहन विभाग की भी अजब बानगी है। जांच में गलती किसी ओर की मांनी और सजा दूसरे को दे दी गई। सप्ताह भर पहले नीमकाथाना के कोटड़ी में पकड़े गए अवैध बॉडी टिपर ट्रेलर के मामले में ऐसा ही सामने आया है। विभाग ने टिपर ट्रेलर का फिटनेस निरस्त कर उदयपुरवाटी थाने में बंद किया था। साथ ही नियम के तहत एमवीए 52 में वाहन स्वामी पर पांच हजार व एमवीए 182 ए के तहत अवैध बॉडी तैयार करने वाली फर्म पर एक लाख रूपए का चालान किया। ट्रेलर की अवैध बॉडी बनाने वाली फर्म पर महरबानी कर वाहन मालिक से ही दोनों का एक लाख पांच हजार रुपए जुर्माना वसूल कर ट्रेलर को छोड़ दिया।
जानकारी के अनुसार आरजे 07 जीई 0144 नंबर के टिपर ट्रेलर की आरसी एक महीने पहले ही 6 अक्टूबर को जारी हुई। वाहन स्वामी ने बीकानेर जिला परिवहन अधिकारी से पंजीकृत एसएमएन कॉमर्शियल वीकल एप्लीकेशन के नाम से संचालित फर्म से ही वाहन की बॉडी तैयार करवाई है। इसके बाद विभाग ने भी वाहन की जांच किए बगैर संचालन की अनुमति दे दी। चालान के समय टिपर ट्रेलर बिलकुल खाली था। वाहन स्वामी को नियम की कोई जानकारी नहीं है। अधिकृत डीलर होने के चलते नियम के तहत वाहन की बॉडी तैयार करने की जिम्मेदारी फर्म की है। फर्म को ट्रेड सर्टिफिकेट भी जिला परिवहन अधिकारी भारती नैथानी के कार्यकाल में ही जारी किया गया। उस समय वे जिला परिवहन अधिकारी के पद पर बीकानेर कार्यालय में ही कार्यरत थी। ऐसे में इस मामले में वाहन स्वामी पर दबाव बनाकर चालान की वसूली करने और फर्म को बचाने के पीछे कई सवाल उठ रहे हैं।
निर्धारित वजन से ढाई टन अधिक
नियम के तहत इस टीपर ट्रेलर का वजन 15.5 टन होना चाहिए, लेकिन वाहन की बॉडी तैयार करने वाली अधिकृत फर्म ने आरसी के निर्धारित वजन से ढाई टन अधिक बॉडी तैयार कर वाहन स्वामी को सुपुर्द की। जांच में टीपर ट्रेलर का वजन 18060 किलोग्राम सामने आया है। टीपर ट्रेलर की लंबाई 34 फीट, ऊंचाई 8.6 फीट और चौड़ाई 8.5 फीट है। इस टीपर ट्रेलर में 55 टन के स्थान पर 132 टन माल भरा जा सकता हैं। अतिरिक्त भार के साथ सड़क पर दौड़ रहे वाहन दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं। निर्धारित भार से अधिक वजन से सड़कें भी क्षतिग्रस्त हो रही हैं।
नियमों के परे जाकर कर रहे कार्रवाई
प्रदेश में 20 से 25 प्रतिशत टिपर ट्रेलर की अवैध बॉडी हनुमानगढ़, गंगानगर एवं बीकानेर में तैयार हो रही है, लेकिन परिवहन विभाग के अधिकारी अवैध बॉडी तैयार करने वाली फर्म पर ठोस कार्रवाई करने की बजाय वाहन स्वामियों पर नियमों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। इससे अवैध बॉडी तैयार करने वाली फर्मों का हौसला बढ़ रहा है। इतना ही नहीं इन फर्मों से तैयार अवैध टिपर ट्रेलरों को संचालन की अनुमति भी विभाग आंखे बंद कर दे रहा हैं। जब तक इन अवैध बॉडी तैयार करने वाली कुछ फर्मों का ट्रेड लाइसेंस निलंबित नहीं होता या ठोस कार्रवाई नहीं होती इन पर अंकुश लगना मुश्किल है।
पीड़ित का आरोप
बीकानेर निवासी महेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि टिपर ट्रेलर की बॉडी तैयार करते समय फर्म ने नियम की कोई जानकारी नहीं दी। फर्म ने 15 लाख रूपए लेकर टिपर ट्रेलर की बॉडी तैयार कर परिवहन विभाग से पास भी करवाई है। इस कार्रवाई के बाद उसे 15 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। वाहन की अतिरिक्त बॉडी कटवाकर परिवहन विभाग से फिटनेस करवानी होगी। वाहन को थाने से छुड़वाने के लिए फर्म पर लगा एक लाख रुपए का चालान भी उन्हें ही जमा करवाना पड़ा हैं। नियम की जानकारी होती तो आर्थिक नुकसान उठाने से कोई खुश नहीं है। चालान की राशि मांगने पर फर्म संचालक ने कहा हम तो इसी तरह लंबे समय से टिपर ट्रेलरों की एक्स्ट्रा बॉडी तैयार करते आ रहे हैं, आज दिन तक कोई नहीं पकड़ा गया। विभाग से हमारा अच्छा मेल मिलाप है, यह कहकर चालान देने से साफ इनकार कर दिया।
इनका कहना है
मामला फिलहाल मेरी जानकारी में नहीं हैं, कार्यालय समय में रिकॉर्ड के आधार पर जांच के बाद ही कुछ कह सकते हैं। आपके माध्यम से मामला संज्ञान में आया है। जांच कर रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
जगदीश अमरावत, आरटीओ सीकर