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सिंगरौली में भारत बंद का मिला-जुला दिखा असर
सिंगरौली. अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के आरक्षण में उप-वर्गीकरण एवं क्रिमिलेयर लागू करने के आदेश को तत्काल समाप्त करने की मांग को लेकर व जारी आदेश के विरोध में आरक्षण समर्थक सडक़ पर उतरे। भारत बंद के आह्वान के साथ उनकी ओर से रैली निकाल कर आदेश को वापस लिए जाने की मांग की गई और राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा गया।
बहुजन समाज पार्टी व भीम आर्मी के भारत बंद के आह्वान का सिंगरौली में मिला-जुला असर दिखा है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ भारत बंद के आह्वान के मद्देनजर सडक़ पर उतरकर बसपा और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने दुकानों को बंद कराया। प्रदर्शन के दौरान किसी भी अप्रिय और असामाजिक तत्वों से निपटने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
भारत बंद के आह्वान के मद्देनजर जिले में बुधवार सुबह बंद जैसे हालात बिल्कुल दिखाई नहीं दे रहे थे लेकिन दोपहर 12 बजे के बाद भीम आर्मी और बसपा के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में फैसले के खिलाफ सडक़ पर उतरकर प्रदर्शन किया। आंदोलन के दौरान कार्यकर्ता सडक़ पर नारेबाजी करते रहे और दुकानों को बंद कराने का प्रयास किया। वैढऩ में मुख्य मार्ग पर प्रदर्शन के बाद रैली में शामिल लोगों ने राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर सिंगरौली को ज्ञापन दिया गया।
ज्ञापन के जरिए ये मांग
ज्ञापन के जरिए कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने एक अगस्त को एसटी/एससी वर्गों के आरक्षण में उप-वर्गीकरण करने एवं क्रिमिलियर लगाने संबंधी आदेश दिया है। इससे एससी/एसटी वर्ग के करोड़ो लोगों के संवैधानिक अधिकार खतरे में पड़ गए है। सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़पन के लिए आरक्षण देने की व्यवस्था की गई है, न कि आर्थिक आधार पर।
सुप्रीम कोर्ट ने इन वर्गों के आरक्षण में क्रिमिलियर लगाने एवं उपवर्गीकरण करने का अधिकार राज्य सरकारों को दे दिया, जबकि संविधान के तहत किसी जाति, उपजाति को एससी/एसटी वर्ग की सूची में जोडकऱ आरक्षण के दायरे में लाने या आरक्षण के दायरे से बाहर करने का अधिकार राष्ट्रपति या केंद्र सरकार को है न कि राज्य सरकार को।
ज्ञापन के जरिए आदेश को वापस लेने की मांग की गई। प्रदर्शन के दौरान एहतियात के तौर पर बड़ी संख्या में कलेक्टर और आसपास के क्षेत्र में पुलिस बल को तैनात किया गया था। इसके अलावा प्रमुख बाजारों में भी पुलिस के जवान मुस्तैद रहे।