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श्री गंगानगर

पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष जयपाल चला रहा था बिना अनुमति से नशामु​क्ति केन्द्र

Alumni Union President Jaipal was running the de-addiction center without permission- पुलिस और जिला प्रशासन की संयुक्त दबिश, बंधक युवकों को छुड़ाया

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श्रीगंगानगर. सेतिया फार्म से सटी तुलसी कॉलोनी के एक घर में अवैध रूप से संचालित नशा मुक्ति केन्द्र की कैद से मुक्त हुए युवकों ने जिला कलक्टर सौरभ स्वामी को आपबीती बताई तो वह दंग रह गए। इस नशा मुक्ति केन्द्र में कई दिनों तक बंधक बनकर रहे युवकों ने बुधवार को स्वामी से मिलकर जो कहानी बयां की उसने अवैध रूप से संचालित नशा मुक्ति केन्द्रों में होने वाले अनाचार और अत्याचार की परतें उघाड़ दी। इसके बाद कलक्टर के ही आदेश पर गठित प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों की संयुक्त टीम ने उक्त नशा मुक्ति केन्द्र पर छापा मारकर वहां से तलवार सहित कई हथियार बरामद कर संचालक को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। तलाशी में नशे में प्रयुक्त होने वाली टेबलेट और शराब की बोतलें भी मिली। नशा मुक्ति केन्द्र घर के एक कमरे में संचालित हो रहा था, जिसमें नौ युवकों को नशा मुक्त करने के नाम पर यातनाएं देने के साथ उनसे शारीरिक श्रम कराया जा रहा था।

जिस मकान में छापेमारी की गई वह डा.बीआर अम्बेडकर राजकीय महाविद्यालय में पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष अंबर जयपाल का है। पुलिस ने जयपाल तथा उसके भाई सहित चार-पांच युवकाें काे मकान से हिरासत में लिया गया है। जबकि कई रोगियों को वहां से मुक्त कराया है।
इस बीच, उपखंड अधिकारी मनोज कुमार मीणा, पुलिस उप अधीक्षक शहर अरविन्द बेरड़, पुलिस उप अधीक्षक एससी-एसटी ओमप्रकाश चौधरी और कोतवाल देवेन्द्र सिंह ने पुलिस जाब्ते के साथ तुलसी कॉलोनी के उस मकान पर छापा मारा जहां नशा मुक्ति केन्द्र संचालित हो रहा था। मकान के एक कमरे में संचालित नशा मुक्ति केन्द्र पर नाम का कोई बोर्ड आदि नहीं मिला। तलाशी में जो सामना मिला उसे देख कर टीम में शामिल अधिकारी दंग रह गए।
इस बीच, नशा मुक्ति केन्द्र में यातनाएं भुगतने वाले युवकों ने कलक्टर को बताया कि संचालक एक ही कमरे में उन्हें निर्वस्त्र सुलाता था ताकि कोई भाग नहीं पाए। बात-बात पर उनकी पिटाई की जाती। कई बार तो ऐसी यातनाएं दी जाती की उसे बताते हुए भी शरीर में सिरहन पैदा होती है। संचालक उनसे शारीरिक श्रम भी करवाता। जो नहीं करता उसकी पिटाई होती।

युवकों ने बताया कि नशा मुक्ति केन्द्र में रहना नर्क की यातना भुगतने जैसा था, जिसे वह जीवन भर भूल नहीं पाएंगे। इन भर्ती युवकों से जयपाल अपना मकान बना रहा है। वह इनके साथ के सभी भर्ती मरीजाें से दिनभर मजदूरी करवाते। पूरा मकान इनसे काम करवा करवाकर बना लिया। काम करते थक जाते ताे प्लास्टिक की पाइप से पिटाई करते। रात काे शराब का सेवन कर मरीजाें के साथ कूकर्म करते। पीड़ित के एक बच्चे के प्राइवेट पार्ट में हाथ डाल दिया।