श्रीगंगानगर. राजस्थान पत्रिका महज एक अखबार नहीं, बल्कि समाज का सच्चा और सजग प्रहरी भी है। पत्रिका की साख का कोई सानी नहीं है। पत्रिका के कदम हमेशा समाज की भलाई के लिए उठे हैं। सरकारी सूचनाओं पर पत्रिका की सत्य पर मुहर लगी है, ये पहलू पत्रिका को सबसे अलग रखती है। पत्रिका का मतलब सत्यता की कसौटी पर उखरा उतरना है। पत्रिका सिर्फ खबरों तक सीमित नहीं है बल्कि संस्कार और चरित्रवान बनाने में योगदान दे रहा है। काले कानून के खिलाफ लड़ाई हो, गरीबों के वेंटीलेटर को धनाढ्यों तक पहुंचाने की बात हो या नगर परिषद या अन्य संस्थानों में भ्रष्टाचार का मुद़दा हो, पत्रिका ने प्रमुखता से उजागर कर समाज के लिए लड़ाई लड़ी और जनता का इकबाल बुलंद किया।
विश्वसनीयता की कसौटी पर खरी उतरी पत्रिका लोगों के दिलों में बसती है। यह बात यहां पदमपुर रोड पर धन-धन बाबा दीप सिंह गुरुद्वारा के सभागार में आयोजित पत्रिका हॉकर्स सम्मान समारोह में वक्ताओं ने कही। इस सम्मान समारोह में पत्रिका के राज्य संपादक अमित वाजपेयी, जोनल हैड अवधेश जैन, संपादकीय प्रभारी महेन्द्र सिंह शेखावत, धन-धन बाबा दीप सिंह गुरुद्वारा के मुख्य सेवादार तेजेन्द्रपालसिंह टिम्मा, युवा व्यवसायी शरद अग्रवाल, शिक्षाविद पंकज लत्ता और समाचार पत्र वितरकों ने अपने अनुभव सांझा किए।
इस समारोह में समाचार पत्र वितरकों को कम्बल और प्रमाण पत्र सम्मानित किया गया। इससे पहले समाचार पत्र वितरकों का कोरोना महामारी में भी एक योद्धा के रूप में अपने समाचार पत्र वितरण कार्य में जुटे रहने पर आभार जताया। खास तौर से समारोह में पहुंची समाचार पत्र वितरकों की पत्नियों का इसके लिए आभार जताया। समारोह में समाचार पत्र वितरकों ने कहा कि राजस्थान पत्रिका सदैव सामाजिक सरोकारों में अग्रणी रहा है।
इस दौरान युवा व्यवसायी शरद अग्रवाल ने कहा कि खबरों की दुनिया में पत्रिका की अलग छवि है। पत्रिका की कलम गरीब एवं बेसहारा लोगों को न्याय दिलाने के लिए चलती है। यही वजह है कि पत्रिका सबसे अलग है। पत्रिका ही ऐसा समाचार पत्र है, जिसमें सभी लोग परिवार की तरह हैं। पत्रिका ने हमेशा सच को सामने लाने में अपनी महती भूमिका अदा की है।
कार्यक्रम में धन-धन बाबा दीप सिंह गुरुद्वारा के मुख्य सेवादार तेजेन्द्रपाल सिंह टिम्मा का कहना था कि कोरोना और मौत एक जैसे होने लगे उस संक्रमणकाल में हॉकरों ने जीवन का दांव पर रखकर घर-घर जाकर अखबारों का वितरण किया, ऐसे कोरोना योद्धा का जितना सम्मान किया जाएं उतना कम है। पत्रिका ने सिर्फ खबरों पर ही फोकस नहीं किया बल्कि सामाजिक सरोकार में अपना योगदान दिया है। इससे पहले अतिथियों ने सरस्वती देवी और पत्रिका के संस्थापक कपूरचन्द्र कुलिश के चित्र पर दीप प्रजवज्जलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की।
वहीं श्रीआत्मवल्लभ जैन कन्या महाविद्यालय की छात्राओं आरती सारड़ीवाल, पूजा, निशा और म्यूजिक टीचर ललिता सोलंकी ने सरस्वती वंदना की प्रस्तुति दी। मंच का संचालन प्रोफेसर निकिता शर्मा ने किया। कार्यक्रम के दौरान हॉकर्स यूनियन के सदस्यों राजू वधवा, मंगत धूडि़या, राम आश्रय, दीवान कालड़ा, सुरेन्द्र सिंगल, मनोज वर्मा, धर्मेन्द्र ने अतिथियों को माला और राजस्थानी पगड़ी पहनाकर स्वागत किया। पत्रिका के प्रसार प्रभारी अशोक शर्मा ने स्वागत भाषण और एडमिन अजय ट्रेलर ने भी विचार व्यक्त किए। श्रीआत्मवल्लभ जैन कन्या महाविद्यालय की प्रिंसीपल पंकज लत्ता का कहना था कि पत्रिका खुद एक ब्रांड है। पत्रिका में खबर आई तो वह सच है। पत्रिका सामाजिक सरोकार में भी अग्रणी रहा है। जनहित के मुद़दों पर खुलकर बात उठाई है।
इस बीच, कडकड़ाती सर्दी, झमाझम बारिश और तन झुलवाने वाली गर्मी के बावजूद भी अन्तरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र गांव कोठा पक्की निवासी निशक्तजन वितरक अतर सिंह कचूरा के कदमों को नहीं रोक पाती। शारीरिक विषमताओं के बावजूद अतरसिंह अपने गांव में ट्राई साइकिल पर पाठकों के घर तक पत्रिका पहुंचाते हैं। उनका दावा है कि वह प्रतिदिन ट्राईसाइकिल से कई किमी चलकर लोगों को देश-दुनिया की खबरों से रूबरू कराते हैं। पत्रिका अखबार पहुंचाने से इलाके में विशेष पहचान भी बनी हैं।
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समाचार पत्र वितरक बोले
हकीकत यह है पत्रिका हमेशा समय-समय पर समाचार पत्र वितरकों की समस्या को अपना मानता है। हर वर्ग और पहलूओं पर पत्रिका सक्रिय रूप से अपना सहयोग करता है।
– हरीश मुंडेजा, अध्यक्ष हॉकर्स यूनियन
राजस्थान पत्रिका ऐसा अखबार है जो कि हर खबर को सत्य बताता है। समाचार पत्र वितरकों के हित में कदम उठाता है। कोरोनाकाल में सरकार ने वितरकों को कोरोना योद्धा का तमगा नहीं दिया लेकिन पत्रिका ने सम्मान दिया है।
– संजय शर्मा, अध्यक्ष हॉकर्स यूनियन
पत्रिका हमेशा विश्वास की कसौटी पर खरा उतरता है। यही कारण है कि आज भी पत्रिका में खबर पढ़ने के बाद पाठक उसे सच मानता है। सरकारी सूचनाओं को पत्रिका की खबर सत्य की मुहर है।
– छगन बलाना, पूर्व अध्यक्ष, हॉकर्स यूनियन