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video: अश्विन में लौटा सावन, बरसे बादल, होने लगा सर्दी का अहसास

जिले में बरसात का दौर शुक्रवार रात से शनिवार रात तक जारी है। ऐसे में सर्दी का अहसास होने लगा। वहीं जिन किसानों ने बुवाई कर दी थी, अब बरसात होने से उन्हें दोबारा बुवाई की नौबत आ गई है।

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टोंक. जिले में बरसात का दौर शुक्रवार रात से शनिवार रात तक जारी है। ऐसे में सर्दी का अहसास होने लगा। वहीं जिन किसानों ने बुवाई कर दी थी, अब बरसात होने से उन्हें दोबारा बुवाई की नौबत आ गई है। इसके चलते उन पर दोहरी मार पड़ी है। बरसात शुक्रवार रात 9 बजे से शुरू हुई, जो शनिवार रात तक कभी तेज तो कभी रिमझिम जारी है।

ङ्क्षसचाई विभाग के मुताबिक शुक्रवार रात 8 से शनिवार सुबह बजे तक टोंक में 9 एमएम, गलावा रेन गेज सेंटर में 15 एमएम, ठीकरिया में 40 एमएम, पनवाड़ में 20 एमएम, नासिरदा व माशी में 2-2 एमएम तथा पीपलू व निवाई में 8.8 एमएम बारिश हुई। इसके बाद शनिवार शाम पांच बजे तक निवाई में 50 एमएम, पनवाड़ में 5 एमएम, नासिरदा में 12 एमएम, गलवा में 25 एमएम बरसात हुई।

इधर, कृषि विभाग के सहायक निदेशक दिनेशकुमार बैरवा ने बताया कि बरसात से सर्वाधिक नुकसान कटकर खेत में पड़ी फसल में है। वहीं बरसात अगर रुकती नहीं है तो सरसों की बुवाई देरी से होगी। देरी से बुवाई होने पर उसमें रोग लगने की सम्भावना बन जाती है। वहीं किसान खेतों में नमी होने पर सरसों के स्थान पर जौ व चने की बुवाई करेंगे। इससे सरसों का रकबा घट जाएगा। वहीं अच्छी पैदावार के लिए सरसों की बुवाई का समय 15 अक्टूबर तक ही है।


इसके बाद बुवाई में किसानों को दोहरी मार पड़ेगी। पहले ही अतिवृष्टि से खरीफ की फसलें खराब हो गई है और अब फसल देरी से अच्छी पैदावार मिलना मुश्किल हो जाएगा। कृषि विभाग के मुताबिक जिले में अब तक 10 हजार हैक्टेयर में सरसों की बुवाई हो चुकी है। अब बरसात से कई जगह खेतों में पानी भर गया है। इससे सरसों का बीज खराब हो जाएगा और दोबारा बुवाई करनी पड़ सकती है।


सावन मास जैसा प्रतीत हुआ
निवाई. शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शुक्रवार रात से लगातार हो रही बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ। लगातार बारिश होने से सावन मास जैसा प्रतीत हुआ। शुक्रवार की रात आठ बजे बूंदाबांदी और हल्की बारिश होकर थोडी बाद रूक गई। शुक्रवार रात 11 बजे से शनिवार की सुबह पांच बजे कभी तेज तो कभी कम लगातार बारिश होती रही। सुबह सात बजे से 11 बजे तक लगातार फिर बारिश हुई।

शनिवार की सुबह से ही दिनभर आकाश में काले बादल छाए रहे और दिन में अंधेरा हो गया। शनिवार की दोपहर साढे 12 बजे फिर तेज बारिश हुई। इसके बाद रूक रूककर बारिश होती रही है। शहर के बाजारों में भी भीड गायब सी रही। लगातार बारिश से मौसम में करीब आठ डिग्री तक तापमान में गिरावट दर्ज की गई। बारिश से सडक़ों पर कीचड हो गया। दोपहर तीन बजे आकाशीय बिजली की गडगडाहट होती रही। रूक रूककर बारिश से लोग घरों में दुबके रहे। लागातार बारिश से खेतों में सूखी रही बाजरा, मक्का, मूंग, तिल आदि की फसल खराब हो गई तथा बारिश होने से मूंगफली की खुदाई में देरी हो गई।


16 मिमी बारिश दर्ज
देवली. शुक्रवार रात्रि से क्षेत्र में शुरू हुआ बारिश का दौर शनिवार को भी जारी रहा। प्रात: 8 बजे तक तहसील नियंत्रण कक्ष पर 16 मिमी बारिश दर्ज की गई। सहायक कृषि अधिकारी रेखा मीणा ने बताया कि किसान अभी सरसों की बुवाई कर रहे हैं, लेकिन बारिश से ये प्रभावित हो गई है। सरसों की बुवाई 15 अक्टूबर तक होती है।

नुकसान की आशंका से किसान ङ्क्षचतित

उनियारा. उपखंड क्षेत्र में शुक्रवार से शनिवार रात तक बरसात जारी रही। जलसंसाधन विभाग के कनिष्ठ अभियंता लोकेश सैनी ने बताया कि शनिवार सुबह 8 बजे तक चौबीस घंटों के दौरान गलवा बांध पर 15 तथा ठिकरिया बांध पर 40 मिलीमीटर बरसात दर्ज की गई। बरसात से खेतों में कटाई होकर पड़ी उड़द, तिल, मक्का आदि की फसलों में नुकसान की आशंका से किसान ङ्क्षचतित है।

अरमानों पर पानी फिर गया
पीपलू. क्षेत्र के गांवों में शुक्रवार देर शाम से ही मौसम का मिजाज बदला रहा। शुक्रवार रात्रि को शुरु हुआ बारिश का दौर शनिवार शाम तक जारी रहा। आसमान से बरसी आफत से किसानों के अरमानों पर पानी फिर गया। जिन किसानों ने सरसों की बुवाई कर दी थी, उनके खेतों में पानी भर गया। इससे उनको दोहरा नुकसान उठाना पड़ेगा।


लगातार बारिश से सरसों का घटेगा रकबा
मालपुरा. उपखंड क्षेत्र में शुक्रवार देर रात से लगातार हो रही वर्षा से कही स्थानों पर किसानों के चेहरों पर मायूसी छा गई। किसानों का मानना है कि जिन किसानों ने 10 दिन पूर्व सरसों की बुवाई कर दी, उन किसानों के लिए बारिश नुकसानदायक है। खेतों में बरसात से पपड़ी आने का डर बना हुआ है। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि अब बरसात होने से सरसों की बुवाई का रकबा घट सकता है और चने की बुवाई का रकबा बढ़ेगा। वहीं शनिवार को बारिश का दौर लगातार जारी रहने से खाद बीज की दुकानों पर किसानों की भीड़ नजर आई।

अंकुरित होने से पहले ही खराबे का संकट

दूनी. असमय शुरू हुए बारिश के दौर के चलते रबी बुवाई को लेकर किसानों के माथे पर ङ्क्षचता की लकीरें ङ्क्षखच आई, हालांकि कई ने बुवाई कर दी, मगर उन्हें भी खेत में बीज अंकुरित होने से पहले खराबा होने की संभावना अधिक लग रही है। बारिश के बाद मौसम में घुली हल्की ठंडक़ से कस्बे के कूलर-एसी बंद हो गए वही पंखों की गति भी धीमी हो गई। शुक्रवार देर शाम से ही रिमझिम बारिस का दौर शुरू हो गया। इस दौरान शनिवार शाम तक कभी रिमझिम तो कभी मध्यम दर्जे की बारिस का दौर चलता रहा। दूनी सागर में पानी की आवक हुई है। साथ ही कस्बे की सडक़ें भी तर हो गई।