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माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर की ओर से सोमवार को घोषित 12 वीं विज्ञान वर्ग के परिणाम में पीपलू कस्बे की निवासी श्रेयांशी त्रिपाठी ने 99. 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करके टोंक ओर सीकर का मान बढ़ाया है।
पीपलू कस्बे की निवासी श्रेयांशी त्रिपाठी ने 12 वीं विज्ञान वर्ग में 99. 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करके सीकर का मान बढ़ाया है। श्रेयांशी ने कक्षा 11 में टोंक में ही अध्ययन किया लेकिन कक्षा 12 में सीकर के एक हॉस्टल में रहकर निजी विद्यालय में प्रवेश लिया था। जहां श्रेयांशी ने इस सफलता को पाने के लिए करीब 12 से 13 घंटे प्रतिदिन अध्ययन किया है।
लक्ष्य यूपीएससी क्रेक करना
श्रेयांशी ने अंग्रेजी, फिजिक्स, गणित में 100 में से 100 अंक प्राप्त किए है। वही हिंदी, केमिस्ट्री विषय में 100 में से 99 अंक प्राप्त किए हैं। श्रेयांशी ने अपनी सफलता का श्रेय पिता अरविंद त्रिपाठी, माता माया त्रिपाठी सहित परिजनों, गुरुजनों को दिया है। श्रेयांशी ने कहा की उसका लक्ष्य यूपीएससी क्रेक करना है। सिविल सेवा के माध्यम से जनता की सेवा करना उसका उद्देश्य है।
पिता की आंखों से छलक पड़े आंसू
रिजल्ट के दौरान श्रेयांशी सीकर में ही सिविल सेवा की तैयारी को लेकर कोचिंग कर रही थी। जैसे ही परिणाम आया और उसे बताया कि 99.60 प्रतिशत अंक आए है तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। शिक्षकों ने वीडियो कॉलिंग के माध्यम से उसे पिता अरविंद त्रिपाठी, माता माया त्रिपाठी से बात करवाई।
श्रेयांशी की सफलता पर माता-पिता ने बेटी को बधाई दी तो खुशी से आंसू छलक पड़े। बेटी श्रेयांशी ने माता-पिता से कहा कि आप रो क्यूं रहे हो। श्रेयांशी के पिता सरकारी सेवा मं संस्कृत विषय के शिक्षक है।
अभावों में किया है जीवन यापन
पिता अरविंद त्रिपाठी के सरकारी अध्यापक बनने से पहले परिवार के हालात सही नहीं। पिता अरंविद त्रिपाठी ने निजी विद्यालयों में अध्यापन करवाते हुए बेटी को शुरु से ही अच्छी तालीम दिलवाने में रूचि रखी। श्रेयांशी को भी अपने परिवार पूर्व की आर्थिक स्थिति का ध्यान था। ऐसे में उसने सपने संजोया था कि वो एक दिन ऐसा मुकान हासिल करेगी जिससे माता-पिता उसकी सफलता पर गर्व करेंगे।
10 वीं बोर्ड में भी 94.60 प्रतिशत
श्रेयांशी ने काफी मेहनत करके अपने माता पिता को अच्छे प्रतिशत अंक प्राप्त करके तोहफा दिया है। श्रेयांशी ने 10 वीं बोर्ड में भी 94.60 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। श्रेयांशी की सफलता के बाद उसके घर पर बधाईयां देने के लिए काफी संख्या में लोग पहुंचे।
अभी मंजिल बाकी है
श्रेयांशी त्रिपाठी ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि 10 वीं बोर्ड में भी अच्छी मेहनत की थी लेकिन 94.60 प्रतिशत अंक ही मिले थे। 10 वीं बोर्ड में जो कमियां रह गई थी उनमें सुधार करते हुए विषयों को समझकर अध्ययन किया। हालांकि इस बार 100 प्रतिशत अंक प्राप्त करने के प्रयास किए थे लेकिन परीक्षा के बाद ही उसे पूर्ण विश्वास था कि उसके 2 नंबर कम आएंगे। साथ ही श्रेयांशी ने कहा कि अभी तो जिंदगी की असली उड़ान बाकी हैए जिंदगी के कई इम्तेहान बाकी है , अभी तो नापी है मु_ी भर जमीन मैंने , अभी तो सारा आसमान बाकी है। यूपीएससी परीक्षा को पहली सफलता में क्रेक करना उसका लक्ष्य है।