जोधपुर
शहर हो या गांव, देश हो या परदेस, पानी सबकी जरूरत है। कहते हैं कि बिन पानी सब सून। उसके बावजूद लोग बेवजह हर जगह पानी बहाते रहते हैं। पानी की अहमियत वो लोग ज्यादा जानते हैं जो सहरा यानी थार मरुस्थल में रहते हैं। आज हर तरफ पानी की कमी और पानी के लिए संघर्ष की खबरें सामने आ रही हैं। हम और आप पानी बचाने के बारे में न केवल गंभीरता से सोचें, बल्कि इसके लिए व्यावहारिक स्तर पर भी कुछ उपाय करें, वरना हमें आम जरूरत के कामों के लिए भी पानी नहीं मिलेगा।
बाहरी इलाकों में पानी की दिक्कतें शुरू
इंदिरा गांधी मुख्य नहर में सफाई व मरम्मत के चलते क्लोजर के कारण शहर से जुड़े बाहरी इलाकों में पानी की दिक्कतें शुरू हो गई हैं। जलदाय विभाग का कहना है कि ये इलाके ग्रामीण क्षेत्र में आते हैं। यहां पाइप लाइन ढांचा पूरा नहीं होने से जलापूर्ति की दिक्कतें आ रही हैं। शहर के अन्य इलाकों में फिलहाल प्रेशर कम होने के कारण लोग परेशान हैं। क्लोजर के दौरान यह स्थिति सुधरना मुश्किल है। इधर, जोधपुर के गांवों में मंगलवार को शटडाउन लिया जाएगा। इस दौरान इन गांवों में जलापूर्ति पूर्णतया बंद रहेगी।
पाइप लाइन पूरी तरह से नहीं बिछी हुई
जोधपुर व बाड़मेर के 1260 गांवों में जलापूर्ति सुचारू रखना चुनौती है। क्लोजर के चलते शहर के मंडोर, बनाड़, बासनी, चौपासनी हाउसिंग बोर्ड, सूरसागर, कुड़ी भगतासनी, झालामण्ड, नांदड़ी में दिक्कतें ज्यादा आ रही हैं। यहां पाइप लाइन पूरी तरह से नहीं बिछी हुई है। जलदाय विभाग का ग्रामीण इलाका लगता है। एेसे में शहरी सिस्टम से जलापूर्ति नहीं की जा रही है, जबकि लोग शहरी हिसाब से जलापूर्ति की मांग कर रहे हैं। जोधपुर के 1100 व बाड़मेर के 260 गांवों में फिलहाल जलापूर्ति जारी है। इसमें कुछ कमी की गई है। हालांकि विभाग कमी किए जाने की बात से इनकार कर रहा है। जोधपुर के गांवों में मंगलवार को जलापूर्ति नहीं होगी।
शहर में शटडाउन का निर्णय आज
शहर में जलापूर्ति का शटडाउन करने को लेकर निर्णय सोमवार को होगा। फिलहाल कायलाना व तखत सागर में 173 एमसीएफटी पानी स्टोर किया हुआ है। यहां पर
100 एमसीएफटी का डेड स्टोरेज है। विभाग इस पर नजर बनाए हुए हैं। जलदाय विभाग शहर के अधीक्षण अभियंता दिनेश पेडीवाल ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है। शहर में पहले के शेड्यूल के हिसाब से जलापूर्ति की जा रही है।