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855 अंक लाकर शिक्षा विभाग में अस्सिटेंट डायरेक्टर बनीं नागदा की वंदना

- ट्रिपल आईटी टॉपर होने के बावजूद एमपी पीएससी चुना

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नागदा. बिरलाग्राम सी-ब्लॉक क्वार्टर नंबर 103…। यह क्वार्टर ग्रेसिम उद्योग में कार्यरत पिता जयशंकर प्रसाद के नाम से जाना जाता है। मगर अब इस मकान को एक नई पहचान मिल चुकी है…शिक्षा विभाग की अस्सिटेंट डायरेक्टर वंदना गुप्ता के नाम से। क्योंकि…परिवार की इस मंझली ने बेटी मप्र लोक सेवा आयोग (एमपी पीएससी) 2020 के परीक्षा परिणाम में 214 अभ्यार्थियों में 11वें स्थान पर रहकर 855 अंक अर्जित कर परीक्षा उत्तीर्ण की है। ज्ञात रहें वंदना 2019 में भी पीएससी की परीक्षा लेकर इंटरव्यू में सिलेक्ट हो चुकी है।
पत्रिका से चर्चा में वंदना से दो खास बातें पता चली। पहली यह कि उन्होंने पहले ही प्रयास में एमपी पीएससी की परीक्षा क्लियर की और दूसरी सबसे अहम कि वंदना ट्रिपल आईटी जबलपुर कम्प्यूटर साइंस संकाय में टॉपर रह चुकी है…चाहती तो वे सीधे यूपीएससी फेस कर सकती थी, लेकिन उनका मानना है कि वे प्रशासनिक सेवा में रहते हुए जमीनी अनुभव के साथ और स्वतंत्र रहकर यूपीएससी की तरफ बढऩा चाहती हैं। शुक्रवार को परिणाम जारी होने के बाद से वंदना के घर मांगलिक कार्यक्रम जैसा माहौल है। घर के बाहर टेंट लगाया गया है, कुर्सियां लगाई गई है। स्वागत के लिए मेहमानों की आवाजाही बनी हुई हैं। मां शांति गुप्ता 2021 की कोरोना लहर में दिवंगत हो चुकी है। ऐसे में पिता जयशंकर ने मां की भूमिका निभाते हुए बेटी को मंगल तिलक लगाकर उसे विजयश्री का आशीष दिया तो इसी बीच किसी रिश्तेदार ने काव्य वचनों से वंदना के सफल जीवन की कामना भी की।
सवाल: आपकी यह उपलब्धि पूरे समाज का गौरव बनी है, इसका श्रेय किसे देना चाहेंगी?
जवाब: नि:संदेह माता-पिता, गुरूजनों को।
सवाल: आपकी तैयारी के बीच मां चली गई। कैसा रहा वो दौर?
जवाब: परिवार दु:खों की राह से गुजर रहा था, दो महीने बाद ही मेरी परीक्षा भी होना थी। वो समय जाहिर करना बेहद मुश्किल है।
सवाल: ट्रिपल आईटी टॉपर हैं, सीधे यूपीएससी क्यों फेस नहीं की?
जवाब: मेरी मंशा है कि मैं स्वतंत्र रहकर अपने दम पर आगे बढूं। इसके लिए मुझे प्रशासनिक सेवा में रहना जरूरी है। क्योंकि यहां से मुझे जमीनी अनुभव भी मिलेगा। जो मेरा आगे का भविष्य तय करेगा।
सवाल: पारिवारिक पृष्ठभूमि?
जवाब: पिता जयशंकर प्रसाद, बड़ी बहन प्रियंका गुप्ता इंजीनियर है, छोटा भाई मुरली मनोहर गुप्ता भी इंजीनियर क्लीयर करके एमबीए लास्ट सेमेस्टर कर रहा है।