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उन्नाव

दुष्कर्म पीड़िता की सुरक्षा में लगे जवान ने बताया कारण, क्यों नहीं गए साथ

- माखी गांव में तनाव और सन्नाटा को चीर रही है पुलिस के बूटों की आवाज - कोई भी मुंह खोलने को तैयार नहीं

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उन्नाव. दुष्कर्म पीड़िता की सुरक्षा में लगे पुलिस के जवान ने बताया कि उसे दुष्कर्म पीड़ित परिवार ने साथ ले जाने से मना कर दिया था। पीड़िता ने कहा था कि रहने दो हम लोग शाम को वापस आ जाएंगे। इसके बाद कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई और कुलदीप सिंह सेंगर प्रकरण एक बार फिर सुर्खियों में आ गया। रायबरेली हादसे के बाद माखी गांव में तो सन्नाटा पसर गया है। लेकिन पुलिस के बूटों की आवाज बढ़ गई। गांव में इस विषय में कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। गौरतलब है कि विगत रविवार को रायबरेली के गुरबख्श गंज थाना अंतर्गत उन्नाव रायबरेली मार्ग पर दुष्कर्म पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई थी। घटना की जानकारी जंगल में आग की तरह एक बार फिर प्रदेश में ही नहीं पूरे देश में फैल गई। राजनीतिक सुर्खियां बनी उन्नाव दुष्कर्म घटना में समाजवादी पार्टी के बाद कांग्रेस भी कूद पड़ी है।

 

माखी गांव में पीड़िता के घर के सामने पीएसी तैनात

घटना के बाद माखी गांव में पीएसी तैनात कर दी गई है। दुष्कर्म पीड़िता की सुरक्षा में लगे सशस्त्र गार्ड सुरेश ने बताया कि दुष्कर्म पीड़िता ने उसे गाड़ी में जगह न होने के कारण साथ ना चलने को कहा। सुरेश कुमार के अनुसार पीड़िता और पीड़िता की चाची ने कहा हमें कोई दिक्कत नहीं है और शाम तक वापस आ जाएंगे। उन्होंने बताया कि छोटी गाड़ी में जगह भी नहीं है । दोनों के मना करने के बाद वह साथ नहीं गए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि पिता के पर्सनल सुरक्षा तीन लोगों को लगाया गया है जबकि गारद भी लगी है।

 

पीड़िता की सुरक्षा में थी इन लोगों की तैनाती

 

सुरेश कुमार (गनर), रूबी पटेल, सुनीता पीड़िता के पर्सनल सुरक्षा में लगाया गया था। इसके अतिरिक्त के पीड़िता आवास पर सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। जिसमें मिथलेश मिश्रा, चंद्रभान सिंह, धर्मपाल सिंह, नीलेश कुमार शामिल है। इसके साथ ही महिला कॉस्टिबल की तैनाती की गई थी जिसमें प्रीति कश्यप, रेनू कनोजिया, संजू यादव, कालन्द्री दुबे, पारुल आदि शामिल हैै।