उन्नाव. वायरल वीडियो यह दर्शाता है कि प्राथमिक के नौनिहाल बच्चे के प्रति समायोजित शिक्षामित्रों का कितना लगाव है। समायोजित शिक्षामित्र नौनिहालों के प्रति इतनी कर्मठता के साथ शिक्षा देते है का उदाहरण यह वीडियो है। प्रदेश सरकार को समायोजित शिक्षामित्रों के विषय में ध्यान देना चाहिए। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिला अध्यक्ष सुधाकर तिवारी ने उक्त जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ध्यान देने योग्य है कि यदि विद्यालय बदल जाता है तो बच्चे अपने समायोजित शिक्षामित्र के प्रति इतना विकल हो जाते हैं। यदि उनको हटा दिया गया या उनका सम्मान वापस ना किया गया तो इन नौनिहालों की क्या दशा होगी। इन आंखों में आंसू हैं।
काउंसलिंग की सूची तैयार बहुत जल्द होगा आदेश
इस मौके पर जनपद में समायोजित शिक्षामित्रों की हुई काउंसलिंग के संबंध में उन्होंने बताया कि पूरे जनपद की काउंसलिंग करा कर सूची तैयार की जा रही है। बहुत जल्द आदेश कर दिया जाएगा। शासनादेश के अनुरूप समुचित व्यवस्था के तहत समायोजित शिक्षामित्रों को उनके विद्यालय में जाने का आदेश किया जाएगा। जहां पर थोड़ी बहुत त्रूटिया है। उन का लिफाफा बंद कर दिया गया है। प्रत्यावेदन लेकर के उन का लिफाफा बंद कर दिया गया है। आदेश होने के बाद संगठन के द्वारा एवं सक्षम अधिकारियों के साथ बैठ कर उचित रास्ता निकाल लिया जाएगा।
वायरल वीडियो 17 साल की मेहनत का फल
गौरतलब है वायरल वीडियो में मूल विद्यालय स्थानांतरण के बाद समायोजित शिक्षामित्र की विदाई समारोह में प्राथमिक स्कूल के बच्चे फूट-फूट कर रोते दिखाई पड़ रहे हैं। इसके साथ ही कई बार भी मौके पर मौजूद हैं। इसे शिक्षामित्र अपनी 17 साल की मेहनत का फल बता रहे हैं। सुधाकर तिवारी ने कहा कि वास्तव में वायरल वीडियो यह दर्शाता है कि शिक्षामित्र अपने बच्चों के प्रति कितना समर्पित है। यह वीडियो उत्तर प्रदेश के 172000 समायोजित शिक्षामित्रों का प्रतिनिधित्व करता है कि हमारे सारे समायोजित शिक्षामित्र इसी तरह प्राथमिक शिक्षा के मेरुदंड हैं और रहेंगे। लाखों लाख नौनिहालों को इन समायोजित शिक्षामित्रों ने अपना 17 से 18 साल का बहुमूल्य समय दिया है। जिसको भुलाया नहीं जा सकता।
समायोजित शिक्षकों का मान सम्मान सरकार की नैतिक जिम्मेदारी
इस कठिन समय के अनुभव को देखते हुए इनको इनका मान सम्मान संपूर्ण शिक्षक के पद पर वापस करना मौजूदा सरकार का नैतिक जिम्मेदारी है।जिलाध्यक्ष ने कहा कि इच्छाशक्ति दिखाते हुए इन समायोजित शिक्षामित्रों को स्थाई समाधान करके इनको अध्यापक का सम्मान वापस करें और 62 साल तक इनके रोजगार की स्थाई व्यवस्था करें। जिस प्रका इन्होंने उत्तर प्रदेश के नौनिहालों का भविष्य संभाला है उसी प्रकार से अपना और अपने परिवार का भी भरण पोषण कर सके। जिलाध्यक्ष ने बताया सरकार यह साहसी कदम उठाती है तो उत्तर प्रदेश का 172000 समायोजित शिक्षामित्र एवं उनका परिवार, उनके सहयोगी आभारी रहेंगे।
बीएसए ने कहा नहीं होगी किसी प्रकार की परेशानी
जनपद में चल रही काउंसलिंग के संबंध में उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष सुधाकर तिवारी में बताया कि समायोजित शिक्षामित्र को किसी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े। इसके लिए प्रयासरत हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कहा है किसी भी शिक्षामित्र को किसी भी तरीके की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। उसमें पांच से छह बार संशोधन करना पड़े तो करेंगे। न्यायोचित शासनादेश के अनुरूप उन को व्यवस्थित विद्यालय दिया जाएगा। किसी के साथ अन्याय नहीं होगा। जिलाध्यक्ष सुधाकर तिवारी ने बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं मुख्यालय खंड शिक्षा अधिकारी को समायोजित शिक्षामित्रों के हित में किए जा रहे कार्यों के लिए धन्यवाद दिया है।