वाराणसी. काशी नरेश स्वर्गीय डा.विभूति नारायण सिंह के परिवार में सम्पत्ति को लेकर घमासान मच चुका है। कुंवर व राजकुमारियों के बीच विवाद इतना अधिक बढ़ गया है कि कुंवर डा.अनंद नारायण सिंह को मीडिया के सामने पहली बार आना पड़ा है। शुक्रवार को होटल गेटवे द ताज में कुंवर ने कहा कि भारत में जितने भी राजा है उनका अपना प्रतीक चिह्न होता है। हमारे राजघराने का भी प्रतीक चिह्न है जिसका राज परिवार ही उपयोग कर सकता है।
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कुंवर अनंत नारायण सिंह ने कहा कि राजघराने के प्रतीक चिह्न का हम लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया हुआ है। इसका उपयोग अधिकारिक तौर पर हो सकता है। सिर्फ महराज ही इस चिह्न का प्रयोग करते हैं। राजकुमारी ने जब शादी के कार्ड पर प्रतीक चिह्न छपवाया था जो गलत था इसलिए राजकुमारी को लीगल नोटिस दी गयी थी। कुंवर डा.अनंत नारायण सिंह ने कहा कि काशी नरेश के जीवन काल में ही सम्पत्ति को लेकर राजकुमारी कृष्ण प्रिया की नीयत खराब हो गयी थी। काशी नरेश इस बात को जानते थे इसलिए बंटवारा कर दिया था। बहनों की तरफ से सम्पत्ति को लेकर हमेशा दबाव बनाया जाता था। वर्ष 20054में बिहार के समस्तीपुर में जो सम्पत्ति थी उसके लिए बहनों ने पार्टिशन सूट दाखिल किया था। इलाहाबाद की सम्पत्ति को बेचने के लिए सट्टा कर दिया गया था। ट्रस्ट का चेयरमैन होने के चलते मुझे मुकदमा दर्ज कराना पड़ा था फिर राजकुमारी कृष्ण प्रिया ने वर्ष 2011 में घरेलू हिंसा को लेकर मुकदमा किया था।
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काशी नरेश की सम्पत्ति की रक्षा करना मेरा अधिकार
कुंवर अनंत नारायण सिंह ने कहा कि मैं हमेशा सच बोलता हूं। महाराज बनारस ने सम्पत्ति की पहरेदारी के लिए किसी को नहीं रखा है। महाराज बनारस के जीवित रहते हुए ही राजघराने की सारी जिम्मेदारी मैं संभाल रहा हूं। स्वर्गीय महाराज की सम्पत्ति की रक्षा करने की जिम्मेदारी मेरी है इस काम में मुझे किसी संरक्षक की जरूरत नहीं है। राजकुमारी सारी सम्पत्ति को अपने नाम करवाना चाहती हैं। उन्होंन कहा कि ताज होटल राजघराने का अधिकृत गेस्ट हाउस है। ताज ग्रुप ऑफ होटल को लीज पर दिया गया है मेरी ही अनुमति से यहां पर ट्रेड मार्क का उपयोग किया जाता है। काशी नरेश की वसीयत के अनुसार सम्पत्ति का बंटवारा हो चुका है। राजकुमारियों को उनकी सम्पत्ति मिल चुकी है। राजघराने की सम्पत्ति मेरी है और मेरे बाद मेरे पुत्रों को सम्पत्ति मिलेगी।
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