बांग्लादेश इस वक्त हिंसा की आग में झुलस रहा है। हिंदुओं पर जुल्म बढ़ चुका है। मोहम्मद यूनुस के राज में कट्टरपंथियों का बोलबाला है। दीपू दास और अमृत मंडल की हत्या के बाद हिन्दू खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। ऐसे में अब चुनाव से ही बांग्लादेश की तकदीर बदल सकती है। बीएनपी नेता और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान की 17 साल बाद वापसी हो चुकी है। वो बांग्लादेश को बदलने की हुंकार भर चुके हैं। मगर, बांग्लादेश की राजनीति में इन दिनों एक नया नाम तेजी से चर्चा में है। हिन्दुओं पर अत्याचार के बीच बांग्लादेश में इस वक्त मिस्ट्री गर्ल की एंट्री हुई है। भले ही वो अब तक सक्रिय राजनीति में नहीं दिखीं, लेकिन उनकी हालिया वापसी और सोशल मीडिया गतिविधियों ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। जाइमा रहमान को लेकर हर तरफ चर्चाएं तेज हैं। वो भी ऐसे वक्त जब हिंसा में पूरा बांग्लादेश जल रहा है। देश चुनाव के मुहाने पर खड़ा है लेकिन इससे ज्यादा चर्चा हो रही है जाइमा रहमान की। आपको बता दें कि जाइमा बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की चेयरपर्सन और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की इकलौती पोती हैं।