
Ayurveda and Homeopathic doctors check the patients during the strike
विदिशा. पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों से किए गए अभद्र व्यवहार और उनकी पिटाई के विरोध में आइएमए के आव्हान पर सोमवार को नगर के अधिकांश चिकित्सकों ने ओपीडी में काम न कर हड़ताल रखी। जिला चिकित्सालय में इससे व्यवस्थाएं प्रभावित हुईं और प्रशासन ने वैकल्पिक इंतजाम के लिए दस आयुर्वेद और होम्योपैथिक चिकित्सकों को जिला अस्पताल की ओपीडी मे बैठाया। इस दौरान मरीज भी जिला अस्पताल में रोजाना की तुलना में कम ही पहुंचे। सिविल सर्जन डॉ संजय खरे ने खुद काली पट्टी लगाकर वार्डों में मरीजों का जायजा लिया। फिर भी हड़ताल के चलते मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर भी हड़ताल पर रहे।
मोबाइल की रोशनी में देखे मरीजों के पर्चे
जिला चिकित्सालय के मेडिकल वार्ड में सोमवार को 11.20 बजे लाइट गुल हो जाने से जहां मरीजों को भारी परेशानी से गुजरना पड़ा। पंखे बंद होने से मरीजों के परिजन हाथ से पंखा झलते रहे। वहीं नर्स ड्यृूटी रूम में मौजूद नर्सें मोबाइल फोन की रोशनी से पर्चे देखकर दवाएं निकालती रहीं। हड़ताल के कारण जहां अन्य सेवाएं प्रभावित हुईं, वहीं सोनोग्राफी बिल्कुल नहीं हो सकी। इससे दूर दराज से जांच कराने आईं गर्भवती महिलाओं को काफी इंतजार के बाद वापस लौटना पड़ा।
ओपीडी में भी मरीज परेशान न हों इसलिए दस बीएएमएस और बीएचएमएस डॉक्टरों की व्यवस्था की गई थी।
-लोकेन्द्र सरल, एसडीएम
डॉक्टर अपनी सुरक्षा के लिए लठैत रखे, उनका पैसा मरीजों से वसूलें : डॉ निगम
विदिशा. डॉक्टर्स फोरम के पूर्व अध्यक्ष डॉ नीरज शक्ति निगम ने कहा है कि अब हम डॉक्टर्स की सुरक्षा अपने हाथ है। जैसे को तैसा जवाब दिया जाना चाहिए। डॉक्टर अपनी सुरक्षा के लिए लठैत रखें और उनका पैसा मरीजों से ही वसूलें, क्योकि हमारे जनप्रतिनिधियों को जो सिक्यूरिटी दी जाती है उसका पैसा भी हमारी जेब से ही वसूला जाता है। अब बेचारगी के साथ जीना नहीं होगा।वे जिला चिकित्सालय परिसर में आयोजित आइएमए के प्रदर्शन के पहले सभा को संबोधित कर रहे थे। आ इएएम के अध्यक्ष डॉ सुरेन्द्र सोनकर ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिद्दी मुख्यमंत्री बताते हुए वहां के डॉक्टर्स के साथ हुए बर्ताव की निंदा की और सबको साथ रहने की जरूरत बताई। डॉक्टर्स फोरम के अध्यक्ष डॉ शांतिलाल पीतलिया ने डॉक्टर्स को संगठित रहने की जरूरत बताई। इस अवसर पर मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. धर्मदास परमहंस ने भी एकता पर जोर देते हुए प्रशासन को सुरक्षा के प्रबंध करने के लिए बाध्य करने को कहा। मेडिकल एसोसिएशन की सचिव डॉ. निर्मला तिवारी ने कहा कि मैंने कई वर्ष तक ये असुरक्षा की भावना देखी है। जब ममता बनर्जी बीमार पड़ेंगी और उनको डॉक्टर की जरूरत होगी, तब समझ में आएगा कि डॉक्टर की उपयोगिता क्या है। जिला चिकित्सालय से इसके बाद सभी चिकित्सक पैदल मार्च करते हुए नीमताल चौराहा स्थित गांधी प्रतिमा पहुंचे और अपना विरोध जताया।
Published on:
18 Jun 2019 06:05 am
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