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लापरवाह सिस्टम ने महिला को कागजों पर मार डाला, अब इंसाफ के लिए दर-दर भटक रही गर्भवती

एसडीएम निकिता तिवारी ने हैरानी जाहिर करते हुए सचिव के खिलाफ एक्शन लेने के साथ साथ तीन दिन में जांच कर महिला को जीवित होने का अधिकार दिलाने का भरोसा दिलाया है।

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लापरवाह सिस्टम ने महिला को कागजों पर मार डाला, अब इंसाफ के लिए दर-दर भटक रही गर्भवती

मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में सिस्टम की लापरवाही का एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है। ये मामला इतना अजीब है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान है। दरअसल, जिले के उनारसी कला ग्राम में रहने वाली सुशीला बाई नाम की एक महिला को पंचायत सचिव ने कागजों पर मृत घोषित कर दिया है। यही कारण है कि, अब ये महिला सरकार की लाड़ली बहना समेत कई महत्वकाक्षी योजनाओं का लाभ लेने से वंचित रहना पड़ रहा है।


तस्वीर में दिख रही 27 वर्षीय सुशीला कुशवाह वैसे तो असल में जीवित है और मौजूदा समय में वो गर्भवती भी है। लेकिन, लापरवाह सिस्टम ने उसे कागजों में मृत घोषित कर दिया है। अब इस महिला को अपने जिंदा होने के प्रमाण लेकर दर-दर भटकना पड़ रहा है, मगर उसे कागजों में जिंदा करने वाला शायद कोई नहीं साबित कर पा रहा है। कागजों में मृत महिला सुशील ने जानकारी देते हुए बताया कि, उसे ग्राम पंचायत के समग्र आईडी में उसे मृत घोषित किया है।

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सचिव पर गड़बड़ी का आरोप

वहीं, महिला के पति का आरोप है कि, पंचायत सचिव आसिफ़ खान ने उसकी पत्नी को लापरवाही पूर्वक कागजों में मृत घोषित किया है। इसके बाद बीते लंबे समय से महिला द्वारा अलग-अलग विभागों के संबंधित अधिकारियों को इस संबंध में लिखित और मौखिक शिकायत भी कर चुकी है, लेकिन लंबी दौड़भाग के बावजूद अबतक किसी भी विभाग से वो खुद के जीवित होने का प्रमाण नहीं जुटा पाई है।

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कब मिलेगा इंसाफ ?

फिलहाल, अब इस मामले में एसडीएम निकिता तिवारी ने हैरानी जाहिर करते हुए सचिव के खिलाफ एक्शन लेने के साथ साथ तीन दिन में जांच कर उसे जीवित होने का अधिकार दिलाने का भरोसा दिलाया है। अब देखना ये होगा कि, शासन की ओर से लापरवाह जिम्मेदारों के खिलाफ कितनी कार्रवाई होती है और महिला को इंसाफ मिलने में और कितना समय लगता है।