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इस कॉलेज में छात्राओं को कंपनियों के अधिकारी देंगे मैनेजमेंट की जानकारी

छात्राएं सीखेंगी स्वरोजगार के गुर,10 करोड़ 90 लाख की राशि से होंगे अधोसंरचना के कार्य...

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विदिशा। शासकीय Girls कॉलेज (लीड कॉलेज) में छात्राएं पढ़ाई के साथ ही स्वरोजगार के गुर सीख सकेंगी। जल्द ही आने वाले समय में उन्हें विभिन्न प्रोडक्ट का उत्पादन करने के साथ ही प्रबंधन के गुर बाहर की कंपनियों के अधिकारियों द्वारा सिखाए जाएंगे।

इसके साथ ही स्किल डवलपमेंट और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियां भी करवाई जाएंगीं। इसके लिए विश्व बैंक परियोजना अंतर्गत संस्थागत विकास के लिए 10 करोड़ 90 लाख रूपए के प्रजेंटेशन को आईआईएम इंदौर से स्वीकृति मिल गई है।

शासकीय गल्र्स कॉलेज से मिली जानकारी के अनुसार विश्व बैंक परियोजना के अंतर्गत संस्थागत विकास परियोजना के तहत जिले के शासकीय गल्र्स कॉलेज को चयनित किया गया है।

जिसके तहत कॉलेज प्रबंधन द्वारा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) इंदौर में नवम्बर माह में 10 करोड़ 90 लाख रूपए का आईडीपीआर तैयार कर प्रजेंटेशन दिया गया था। जिसमें कुछ आंशिक संशोधन कर आईआईएम द्वारा स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।

यह तैयारी कॉलेज में करीब ड़ेढ साल से चल रही थी। अब इस माह में विश्व बैंक की टीम कॉलेज का मुआयना करने के लिए आने वाली है। योजना के तहत छात्राओं को स्वयं का स्वरोजगार स्थापित करने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। जिससे छात्राओं लघु उद्योग शुरु कर सकेंगीं। उत्पादन के साथ ही उन्हें प्रबंधन की बारीकियां भी विभिन्न उद्योग के प्रबंधक आकर सिखाएंगे।

पांच साल में चरणबद्ध होंगे विकास कार्य
योजना प्रभारी कॉलेज के डॉ. केके कुम्भारे ने बताया कि विश्व बैंक से मिलने वाली संस्थागत विकास की इस राशि का उपयोग 2022 में छात्राओं की संख्या वर्तमान की अपेक्षा दोगुनी से ज्यादा को ध्यान में रखकर किया जाएगा।

वर्तमान में छात्राओं की संख्या 2800 करीब है। पांच साल बाद छात्राओं की संख्या 8 हजार का लक्ष्य रखते हुए अधोसंरचना के कार्य किए जाएंगे। संस्थागत विकास के लिए पांच साल के लिए पांच चरण बनाए जाएंगे। इसमेें पहले चरण में निर्माण कार्य किया जाएगा।

जिसके तहत 12 कमरों का उन्नयन कर बड़े हॉल बनाए जाएंगे। जिससे एक हॉल में 100 से अधिक छात्राएं बैठ सकेंगीं। वर्तमान में एक कमरे में 50-50 छात्राएं बैठ पाती हैं।

प्रतियोगी परीक्षाओं की भी होगी तैयारी...
इस योजना के तहत दूसरे चरण में छात्राओं को पढ़ाने के लिए आईआईएम इंदौर और आईआईटी के ट्रेनर प्रशिक्षण देने आएंगे।

फिर छात्राओं को स्किल डवलपमेंट के साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियां करवाई जाएगी। छात्राओं के सर्वांर्गीण विकास पर ध्यान दिया जाएगा। इन सबकी मॉनीटरिंग भी विश्व बैंक द्वारा समय-समय पर की जाएगी।

विश्व बैंक परियोजना के अंतर्गत संस्थागत विकास के लिए 10 करोड़ 90 लाख रूपए राशि का आईडीपीआर आईआईएम इंदौर ने मंजूर कर लिया है। कॉलेज का मुआयना करने के लिए विश्व बैंक से इस माह टीम आने वाली है। पांच साल में पांच चरणों में राशि मिलेगी और कॉलेज में विकास कार्य होंगे। जिले में सिर्फ गल्र्स कॉलेज को योजना के तहत चयनित किया गया है।
- डॉ. एम प्रसाद, प्राचार्य, शासकीय गल्र्स कॉलेज, विदिशा