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बढ़ गई तारीख… अब 30 अगस्त तक ये किसान करा सकते हैं ‘फसल बीमा’

MP News: ऋण लेने वाले किसानों के लिए बीमा कराने की अंतिम तिथि बढ़ा दी गई है। किसान अभी 30 अगस्त तक फसल बीमा करा सकते हैं।

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Crop Insurance Scheme in mp

Crop Insurance Scheme in mp (फोटो सोर्स : पत्रिका क्रिएटिव)

MP News: प्रदेश में बाढ़ व बारिश की स्थिति बनने के बाद भी स्वेच्छा से फसल बीमा कराने में किसानों ने रुचि नहीं दिखाई है। स्वेच्छा से बीमा कराने वाले किसानों की संख्या नहीं के बराबर है। फसल बीमा के लिए आए आवेदनों में ज्यादातर वह किसान शामिल हैं, जिनके द्वारा खरीफ में कृषि कार्य के लिए सहकारी या फिर किसी अन्य बैंक से ऋण लिया गया है। ऋण लेने वाले किसानों के लिए बीमा कराने की अंतिम तिथि बढ़ा दी गई है। किसान अभी 30 अगस्त तक फसल बीमा करा सकते हैं।

कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक बैंकों से ऋण लेने वाले अब तक करीब 1.14 लाख किसानों का फसल बीमा के लिए आवेदन आया है। इन किसानों के 2.54 लाख हेक्टेयर रकबे में लगाई गई फसल का बीमा किया जा रहा है। जबकि इसके विपरीत स्वेच्छा से फसल बीमा कराने वाले किसानों की ओर से केवल 7400 आवेदन आए हैं। इन आवेदनों के जरिए केवल 4500 हेक्टेयर रकबे में लगाई गई फसल का बीमा किया जा रहा है। स्वेच्छा से बीमा कराने वाले किसानों की अरुचि के चलते ही बीमा कंपनी ने इनके लिए अंतिम तिथि में इजाफा नहीं किया है। स्वेच्छा से बीमा कराने वाले किसानों को 14 अगस्त तक का मौका दिया गया था।

ऋणी किसानों की फसल का बीमा जरूरी

बैंकों की ओर से निर्धारित नियमों के तहत कृषि कार्य के लिए ऋण लेने वाले किसानों के लिए फसल का बीमा कराना जरूरी होता है। फसल के नुकसान पर बैंक बीमा की राशि से ही ऋण प्राप्त करते हैं। यही वजह है कि बीमा कराने वाले ऋणी किसानों की संख्या एक लाख से अधिक है। अभी बीमा कराने वाले ऋणी किसानों की संख्या में और इजाफा की संभावना है।

बीमा राशि कम मिलने से रुचि नहीं

फसल बीमा कराने में किसानों को क्षति की तुलना में मिलने वाली राशि काफी कम होती है। यही वजह है कि किसानों की ओर से स्वेच्छा से बीमा योजना में रुचि नहीं ली जाती है। उदाहरण के रूप में देखा जाए तो वर्ष 2024 में खरीफ फसल चक्र में फसल का बीमा कराने वाले 29029 किसानों को क्लेम के रूप में 7,61,06026 रुपए मिली है। इस तरह से प्रति किसान औसतन 2622 रुपए ही मिले हैं। जबकि बीमा के प्रीमियम के रूप में ही बीमा राशि का 2 प्रतिशत राशि जमा करना पड़ता है।

सबसे अधिक सोयाबीन का बीमा

फसल बीमा में करीब 70 प्रतिशत सोयाबीन की फसल शामिल है। सोयाबीन के बाद किसानों ने धान की और सबसे कम मक्का की फसल का बीमा कराया है। फसल बीमा के लिए जारी अधिसूचना में भी सबसे अधिक क्षेत्रों में सोयाबीन की फसल है। इसके बाद धान की बोवनी वाले क्षेत्र हैं। मक्का की फसल का बीमा कुछ ही क्षेत्र में अधिकृत किया गया है।