
विदिशा। मप्र सरकार कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 को बदलकर नया माडल एक्ट लागू करने जा रही है। इस एक्ट के विरोध में मंडी के कर्मचारी व अनाज व्यापारी एकजुट हो गए है। इन्होंने संयुक्त रूप से कलेक्टे्रट पहुंचकर नए एक्ट के विरोध में जमकर नारेबाजी की और जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर 7 मई से अनिश्चितकाल मंडी बंद का एलान कर दिया है।
कर्मचारियों का कहना है कि यह नया एक्ट किसी के हित में नहीं है। कर्मचारियों, व्यापारियों, किसान, हम्माल तुलावट सभी वर्ग इसमें प्रभावित होंगे। माडल एक्ट प्रभावशील होने पर मंडी समितियों के अधिकार प्रभावशील नहीं रहेंगे। विपणन व्यवस्था भी प्रभावित होगी एवं किसानों के हितों की रक्षा करना असंभव हो जाएगा। इससे मंडी समितियों का अस्तित्व नहीं रहेगा और मंडी समितियों व मंडी बोर्ड में नियुक्त हजारों कर्मचारियों व अधिकारियों की आजीविका संकट में आ जाएगी और इससे मंडी से जुड़े अन्य वर्ग भी प्रभावित होंगे।
क्या है माडल एक्ट
कर्मचारियों ने बताया कि नए माडल एक्ट में बड़े-बड़े उद्योगपति भारी भरकम राशि नए माडल एक्ट के तहत उच्चाधिकारियों को देकर सिंगल लायसेंस प्राप्त कर सकेंगे जो वर्तमान मंडी प्रशासन के नियंत्रण से बाहर रहेंगे। इससे छोटे एवं मध्यम व्यापारियों को अपना व्यापार बंद करने के अलावा कोई रास्ता नहीं रह जाएगा। जबकि वर्तमान में किसान की उपज का विक्रय मंडियों में खुली प्रतिस्पर्धा से उचित मूल्य एवं भुगतान मंडी की गारंटी के साथ होता है।
जिले में 50 करोड़ की आय
कर्मचारियों ने बताया कि जिले में सात मंडी संचालित है। इनसे करीब 50 करोड़ की आय होती है। यह अकेले विदिशा जिले के वार्षिक आय है। प्रदेश में आय का यह आंकड़ा सैकड़ों करोड़ रुपए में होता है। कर्मचारियों का कहना है कि अब इस आय पर बड़ी-बड़ी कंपनियों की निगाह होने से यह एक्ट बड़ी कंपनियों को लाभ देने के लिए लाया जा रहा है।
आज से सांकेतिक हड़ताल, 7 से मंडी बंद
मंडी कर्मचारी नेताओं ने कहा कि मंगलवार से कर्मचारियों की सांकेतिक हड़ताल शुरू हो चुकी है। बुधवार से मंडी कर्मचारी काली पट्टी लगाकर काम करेंगे और सात मई से जिले की समस्त मंडियों में कर्मचारी काम करना बंद कर देंगे और मंडी बंद हो जाएगी।
यह प्रदेश स्तरीय आंदोलन है। पूरे प्रदेश की मंडी सात मई से बंद होने की नौबत बनेगी। ज्ञापन सौंपने के दौरान मंडी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय अध्यक्ष जसवंतसिंह ठाकुर, प्रांतीय उपाध्यक्ष वेदप्रकाश चतुर्वेदी सहित आदेश साहू, नीरज यादव, वंदना उपाध्याय, सुनीता रायपुरिया, रिचा गुप्ता, अनाज तिलहन व्यापार संघ के अध्यक्ष राधेश्याम माहेश्वरी, राहुल भार्गव, महेंद्र जैन, हम्माल तुलावट प्रतिनिधि रमेश पाल आदि बड़ी संख्या में कर्मचारी व्यापारी मौजूद रहे।
देश के कई राज्यों ने इस माडल एक्ट को अस्वीकार कर दिया पर मध्यप्रदेश में इसे लागू किया जा रहा। इससे कर्मचारी, व्यापारी, हम्माल, किसान हर वर्ग के हितों पर कुठाराघात होगा।
-वेदप्रकाश चतुर्वेदी, प्रांतीय उपाध्यक्ष संयुक्त मोर्चा
इस माडल एक्ट को तुरंत निरस्त किया जाना चाहिए। मंडी के निजीकरण से हर वर्ग पर इसका विपरीत असर पड़ेगा।
-राधेश्याम माहेश्वरी, अध्यक्ष, अनाज तिलहन व्यापार संघ

Published on:
02 May 2018 11:05 am
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