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एमपी में बड़ी कवायद, गांवों में बनेंगी पॉश कॉलोनियां, पीएम आवास से वंचित रहे लोगों को बसाएंगे यहां

MP News - एमपी में बड़ी कवायद की जा रही है। प्रदेश के गांवों में पॉश कॉलोनियां बनाई जाएंगी। यहां 24 घंटे बिजली रहेगी, भरपूर पानी मिलेगा और चकाचक सड़क भी रहेगी।

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Posh colonies will be built in villages in MP

Posh colonies will be built in villages in MP

MP News - एमपी में बड़ी कवायद की जा रही है। प्रदेश के गांवों में पॉश कॉलोनियां बनाई जाएंगी। यहां 24 घंटे बिजली रहेगी, भरपूर पानी मिलेगा और चकाचक सड़क भी रहेगी। खास बात यह है कि इन सर्वसुविधायुक्त कॉलोनियां में ऐसे लोगों को बसाया जाएगा जिन्हें पीएम आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। इस नवाचार की शुरुआत प्रदेश के विदिशा जिले से हो रही है जहां सबसे पहले 10 ग्राम पंचायतों में जरूरतमंदों की सूची तैयार की जाएगी। ग्रामीणों की मांग के अनुरूप कॉलोनियों की ड्राइंग व डिजाइन तय होगी। जिला प्रशासन का मानना है कि गांवों में शहरों जैसी सुविधाजनक कॉलोनियां बसाने से पलायन रुक सकेगा।

विकास प्राधिकरण की तर्ज पर होगा काम
कॉलोनियों के विकसित कराने का अधिकार ग्राम पंचायतों को विकास प्राधिकरण की तर्ज पर दिया जाएगा। ग्राम पंचायतों की मॉनिटरिंग जिला व जनपद पंचायतों के जरिए की जाएगी। गांवों की इन कॉलोनियों में शहरों की तरह बिजली व पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था के साथ सड़क, नाली, पार्क व सामुदायिक भवन जैसी सुविधाएं दी जाएंगी।

विदिशा के कलेक्टर अंशुल गुप्ता के अनुसार गांवों के लोग शहरों की ओर केवल सुविधाओं के मद्देनजर ही रूख कर रहे हैं। गांवों में शहरों जैसी आवासीय सुविधाएं मिले तो पलायन में कमी आएगी। यही कारण है कि ग्राम पंचायतों के माध्यम से सुविधायुक्त कॉलोनियों के विकसित करने की योजना बनाई गई है। अभी ये योजना प्रारंभिक चरण में है।

सुविधाओं के अभाव में ग्रामीण पलायन कर शहर चले जाते हैं। इसे रोकने के लिए प्रशासन गांवों में ही सर्व सुविधायुक्त कॉलोनियां बसाएगा जहां रहवासियों को पक्का मकान के साथ बिजली व पानी के साथ शहर जैसी अन्य सुविधाएं भी मिल सकें। जिला प्रशासन की ओर से यह योजना बनाई गई है।

ग्राम पंचायतों की शासकीय भूमि के सदुपयोग को लेकर बनाई गई योजना के तहत सबसे पहले जिले की उन 10 ग्राम पंचायतों में आवासीय कॉलोनियां बनाई जाएंगी, जो जिले के नगरीय क्षेत्रों के नजदीक हैं। कॉलोनाइजर्स के माध्यम से कॉलोनी विकसित करने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों को दी जाएगी।

अधिकारियों के अनुसार जिले की कई बड़ी ग्राम पंचायतों में ऐसे लोगों की संख्या काफी अधिक है, जिन्हें पात्र नहीं होने के चलते प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान नहीं मिला है। साथ ही ऐसे लोगों की संख्या भी काफी अधिक है, जो गांव में ही शहर जैसी सुविधा चाहते हैं और आर्थिक रूप में कॉलोनी में जमीन व मकान खरीदने के लिए सक्षम हैं। ऐसे ग्रामीण परिवार गांवों में ही शहरों जैसी सभी सुविधाओं से युक्त कॉलोनियों में रुचि लेंगे। प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित रहे ग्रामीणों को भी गांवों में ही अच्छे मकान बनाकर दिए जाएंगे, ताकि वे पलायन नहीं करें।

सर्वे के बाद तैयार होगा ड्राइंग-डिजाइन:

सबसे पहले सरकारी जमीन की उपलब्धता वाली ग्राम पंचायतों में सर्वे किया जाएगा। सर्वे के जरिए यह जानने की कोशिश होगी कि किस गांव में कितने ग्रामीण कॉलोनियों में बसने और मकान लेने के इच्छुक हैं। सर्वे के बाद इच्छुक ग्रामीणों की संख्या को देखते हुए कॉलोनी की ड्राइंग व डिजाइन तैयार की जाएगी। सर्वे में प्रशासन, पंचायत व कॉलोनाइजर्स को शामिल किया जाएगा।