
विदिशा दौरे पर राज्यपाल आनंदी बेन, बच्चों के साथ ऐसे बिताया वक्त
विदिशा। प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन आज विदिशा भ्रमण पर है। वे लगभग 10 बजे जिले में पहुंच गई थी। उनका यहां शाम करीब 5 बजे तक का कार्यक्रम है। इस दौरान के जिले की स्थिति की जांच करेंगी। यहां आकर सबसे पहले वे हँसुआ की आंगनबाड़ी पहुंची। यहां वे सभी बच्चों के लिए फल साथ लाई।
धोकर फल खाने की दी नसीहत
आनंदी बेन ने यहां पर बच्चों को फल वितरित किए व अपने हाथ से फल खिलाएं। उन्होेंने सभी बच्चों व उनकी माताओं को धोकर फल खाने की नसीहत दी। इस दौरान किसी बच्चे ने उनसे आम मांगा, तो किसी ने केला। सभी बच्चों ने अपने पसंद के फल राज्यपाल से मांगे।
बच्चों को अन्नप्रसन्न कर खीर खिलाई
बच्चों का अन्नप्रसन्न कर उन्हें खीर खिलाई। इस दौरान वहां मौजूद सभी स्त्रियों ने ताली बजाई व बधाई गीत गाएं। आनंदी बेन ने भी उनके साथ बधाई गीत गाएं।
बच्चों को गोद में लेकर किया दुलार
राज्यपाल ने आगंनबाड़ी में मौजूद बच्चों को गोद में लेकर दुलार किया। उनके साथ खेल खेलें। बच्चों के साथ रेलगाड़ी बनाकर, झुक झुक रेलगाड़ी भी चलाई। बच्चों से बातचीत भी की और संबंधित जानकारी भी ली।
माताओं को दी सीख
आगंनबाड़ी में मौजूद सभी गर्भवती स्त्रीयों को भी आनंदी बेन ने सीख दी। उनसे पूछा कि इस समय वे क्या खाती हैं। उचित पोषण आहार लेती है या नहीं। काजू खाती है, या फल खाती है। साथ ही इस समय रखने वाली सावधानियों के बारे में भी बताया।
प्रार्थना सभा में लिया हिस्सा
बच्चों की प्रार्थना सभा में हिस्सा लिया और राम रहीम वाली प्रार्थना बेन ने उनके साथ गुनगुनाई। उनका कहना था कि विदिशा पिछड़े जिलों में शामिल है। इसे आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं। यहां की स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके बाद वे जिले के अन्य स्थानों पर जाकर उनका निरीक्षण करेंगी।
महिला सुरक्षा केंद्र पहुंची
राज्यपाल इसके बाद महिला सुरक्षा केंद्र पहुंची, उन्होंने महिला सुरक्षा केंद्र गुलमोहर का अवलोकन किया। आनंदी बेन ने जिले की छ: ऐसी महिलओं को सम्मानित किया। जिन्होंने अपनी जिंदगी में कुछ बेहतर किया। जिन्होंने अपनी जिंदगी की एक नई शुरूआत की।
बच्चों की बीमारी
अक्सर बच्चे बीमार हो जाते है। बच्चों की बीमारी को ध्यान में रखते हुए आनंदी बेन ने कहा कि उन्हें फल हमेशा धोकर खिलाएं। कई बार महिलाएं अपने पल्लू से ही बर्तन भी पोछ देती है, जिसमें कई किटाणु होते है। इन्ही से बीमारियां फैलती है। यदि हम अपनी आदते बदल लें तो 50 प्रतिशत तक बीमारियां कम हो जाएंगी।
घरों के झगड़ों पर बोली
सास-बहू यदि मां-बेटी बन कर रहे तो घर अच्छा चलेगा। क्योंकि अक्सर ऐसा होता है कि बहु की कोई बात सास को बुरी लगती है और वह उसकी शिकायत अपने बेटे से करती हैै। फिर बेटे और बहू में कलह होती है। जिसके कारण बात तलाक तक पहुंच जाती है।
कुपोषण केंद्र भी गई
यहां बच्चों को देखने के बाद बोली कि यहां 25—25 बच्चे एडमिट हैं। जो एक बड़ी समस्या है। बच्चे दो दो साल से यही एडमिट है जबकि एक बच्चा 6 से 8 माह में अपने में सुधार कर लेता है।
Published on:
10 Jul 2018 12:03 pm
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