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विदिशा

मौसम विभाग का अनुमान- 20 जून से होगी झमाझम बारिश

बादल भले ही हो रहे हैं और बारिश का मौसम बन रहा है, लेकिन मानसून की बारिश का अभी और इंतजार करना होगा। मौसम विभाग के अनुसार 20 जून तक विदिशा जिले में भी मानसून की बारिश की झमाझम शुरूआत हो जाएगी।

विदिशाJun 10, 2024 / 06:56 pm

Ashish Pathak

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विदिशा. बारिश का पानी सहेजने और सिंचाई सहित कई शहरों की प्यास बुझाने में जिले के प्रमुख बांधों की अहम भूमिका है। लेकिन इस साल कम वर्षा के कारण अधिकांश बांध रीते पड़े हैं। हलाली बांध तो अभी 6 मीटर से ज्यादा खाली पड़ा है। जिले के बघरू, संजय सागर, नरेन, रेहटी बांधों का पानी तलहटी में निम्नतम जल स्तर पर जा चुका है। सगड़ और कैथन में भी नाममात्र का पानी बचा है। ऐसे में सबको अब बारिश का इंतजार है। बादल भले ही हो रहे हैं और बारिश का मौसम बन रहा है, लेकिन मानसून की बारिश का अभी और इंतजार करना होगा। मौसम विभाग के अनुसार 20 जून तक विदिशा जिले में भी मानसून की बारिश की झमाझम शुरूआत हो जाएगी।
हलाली से हो रही पेयजल आपूर्ति

भीषण गर्मी के दिनों में वर्षों से विदिशा-रायसेन नगर की प्यास बुझाने का काम सम्राट अशोक सागर परियोजना यानी हलाली बांध के माध्यम से ही हो रहा है। विदिशा में हलाली से चार बार पानी लेकर कालिदास बांध में सहेजा गया है, उसी से इस समय भी विदिशा नगर के 39 वार्डों में पेयजल की आपूर्ति हो रही है। इसी तरह कैथन बांध से सिरोंज शहर में जलापूर्ति होती है। इस बांध की भी तलहटी में पानी पहुंच चुका है, लेकिन किसी तरह प्रशासन पानी का इंतजाम कर रहा है। बाकी बांधों में से अधिकांश बांध सिंचाई के लिए उपयोग होते हैं, लेकिन लगभग सभी खाली पड़े हैं।
तेजी से गिरा भू जल स्तर, नलकूपों ने भी साथ छोड़ा

पिछली बार बारिश कम होने के कारण जिले के विभिन्न हिस्सों में भू जल स्तर भी तेजी से नीचे गया है। यही कारण है कि मार्च में ही कई नलकूप, हैडपंप दम तोड़ दिए हैं। कई जगह 500 मीटर तक की खुदाई के बाद भी पानी नहीं मिल पाया है। वहीं स्थानीय लोगों की पूर्ति और मवेशियों की पूर्ति करने वाले जलाशय, कुएं भी सूख गए हैं, जिससे लोगों को पानी के लिए भारी परेशान होना पड़ रहा है। ऐसे में सबको अब इस बार अच्छी बारिश का इंतजार है। विदिशा में भी कई वार्डों में जहां नलजल नहीं पहुंच पाता, वहां टैंकर भेजकर आपूर्ति करना पड़ रही है। कई लोग हैडपंप पर रात दिन पानी के लिए भटक रहे हैं।
बांधों से होती है 80 हजार हेक्टेयर की सिंचाई

जिले में हलाली बांध सहित छह बड़े बांध हैं जिनसे विदिशा के सैंकड़ों गांव की करीब 80 हजार हेक्टेयर जमीन सिंचित होती है। सबसे ज्यादा डेढ़ सौ गांव के 40 हजार हेक्टेयर की सिंचाई हलाली बांध से होती है। हलाली बांध से तो विदिशा के साथ ही रायसेन और भोपाल जिले की जमीन भी सिंचित होती है और विदिशा-रायसेन की प्यास भी गर्मियों में बुझती है। लेकिन अभी ये बांध पूरे भरने में काफी बारिश की जरूरत है।
ये है बांधों की स्थिति

हलाली बांध

मौजूदा जल स्तर- 453.57 मीटर

फुल टेंक लेवल-459.61 मीटर

रेहटी बांध

मौजूदा जल स्तर- निम्नतम जल स्तर

फुल टेंक लेवल-422.65 मीटर
सगड़ बांध

मौजूदा जल स्तर-3 एमसीएम

फुल टेंक लेवल-455.64 मीटर

संजय सागर बांध

मौजूदा जल स्तर-निम्नतम जल स्तर

फुल टेंक लेवल-448.20 मीटर

कैथन बांध

मौजूदा जल स्तर-474.43 मीटर
फुल टेंक लेवल-482.86 मीटर

नरेन बांध

मौजूदा जल स्तर-निम्नतम जल स्तर

फुल टेंक लेवल-446.98 मीटर

बघर्रू बांध

मौजूदा जल स्तर- निम्नतम जल स्तर

फुल टेंक लेवल-455.0 मीटर

सिंचाई- 2900 हेक्टेयर
वर्जन…

फिलहाल मानसून कुछ दिन टल गया है। अभी पश्चिमी हवाओं का असर है। पिछले दिनों उत्तर पश्चिम में चक्रवात के असर के कारण बादल छाए हैं, लेकिन ये बारिश लाने वाले नहीं हैं। उम्मीद की जा रही है कि 20 जून तक बारिश शुरू होगी।
-एसएस तोमर, मौसम वैज्ञानिक, सीहोर

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