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अधिक वजन से शरीर में बढ़ते हैं खतरनाक रसायन

बेली फैट में दो तरह की परतें होती हैं। ऊपरी परत, जो स्किन के ठीक नीचे होती है। इसके नीचे वाली परत विसरल फैट है। यह कई खतरनाक रसायन रिलीज करता है।

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जयपुर

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Vikas Gupta

Sep 22, 2019

अधिक वजन से शरीर में बढ़ते हैं खतरनाक रसायन

बेली फैट में दो तरह की परतें होती हैं। ऊपरी परत, जो स्किन के ठीक नीचे होती है। इसके नीचे वाली परत विसरल फैट है। यह कई खतरनाक रसायन रिलीज करता है।

वसा की जो परतें कमर के आसपास जमा हो जाती हैं वे साइलेंट किलर बनती हैं। बेली फैट में दो तरह की परतें होती हैं। ऊपरी परत, जो स्किन के ठीक नीचे होती है। इसके नीचे वाली परत विसरल फैट है। यह कई खतरनाक रसायन रिलीज करता है।

कैंसर की आशंका : दूषित खानपान व खराब जीवनशैली के कारण विसरल फैट से फैटी एसिड्स निकलते हैं। चाहे शरीर को इसकी जरूरत हो या नहीं, नुकसानदायक हैं।

बढ़ता ग्लूकोज लेवल -
वैज्ञानिकों ने अपने शोध में यह भी पाया कि विसरल फैट के कारण शरीर इंसुलिन रेसिस्टेंट हो जाता है और ब्लड ग्लूकोज लेवल भी बढ़ जाता है। इस फैट से लिवर और मांसपेशियां इंसुलिन के प्रति सेंसिटिव भी नहीं रह पातीं।

फैट का जमना : मर पर जमा यह फैट धीरे-धीरे कैंसर कोशिका में तब्दील हो सकता है। विसरल एडीपोस टिश्यू पेट के अंदरुनी हिस्से के विभिन्न अंगों के आसपास जमा होकर रोगों को जन्म देता है। यह फैट लिवर, पैंक्रियाज व आंतों के इर्दगिर्द जमा होकर उनपर दबाव डालता है जिससे उनकी कार्यप्रणाली प्रभावित होती है। एक्सपर्ट इसे एक्टिव फैट भी कहते हैं क्योंकि यह मेटाबॉलिकली एक्टिव रहने के साथ हानिकारक केमिकल्स (एडीपोकिन्स, साइटोकिन्स व अन्य) भी रिलीज करता है।

फिजिकल एक्टिीविटी : अच्छी बात यह है कि विसरल फैट इतना एक्टिव होता है कि व्यक्ति चाहे तो इससे आसानी से मुक्ति पा सकता है। यह दूसरे प्रकार के फैट डिपॉजिट के मुकाबले तेजी से पिघलता है। इसके लिए खानपान संतुलित करने और फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाने की जरूरत है। डाइट में तली-भुनी चीजें कम कर और दिनचर्या में ब्रिस्क वॉक, जॉगिंग आदि करें।