शुरुआत 15 मिनट की वॉर्मअप एक्सरसाइज से करें। ताकि सख्त मांसपेशियां लचीली हो सकें। वर्ना खिंचाव से इनमें दर्द हो सकता है। फिर 30 सेकंड तेज दौड़ें, 10 सेकंड धीमा और फिर 60 सेकंड मध्यम गति से दौड़ें। इसके बाद दोबारा 60 सेकंड धीमी, 90 सेकंड तेज और तीन मिनट धीमी गति से दौड़ें। सामान्य सांस लेते हुए इस प्रक्रिया को 3-4 बार दोहरा सकते हैं। इसके बाद गति को थोड़ा बढ़ाकर धीरे-धीरे कम करें।
संगीत की लय के साथ इस वर्कआउट ( Fartlek Training ) को करना काफी फायदेमंद होता है। वॉर्मअप के बाद म्यूजिक के साथ दौड़ लगाना शुरू करें और गानें सुनने के साथ गति को बढ़ाएं। जब गाना खत्म होने लगे तो गति धीमी कर लें।
यह वर्कआउट शरीर, मांसपेशी और नसों को मजबूत बनाने के साथ व्यक्ति को एक्टिव व तरोताजा रखता है। इसे रेगुलर करने से चर्बी कम होने के साथ पाचनतंत्र ठीक रहता है और शरीर में शुगर का स्तर संतुलित रहता है। इस एक्सरसाइज से दौड़ने की क्षमता भी बढ़़ती है।
एक्सरसाइज करने के बाद बॉडी को एनर्जी के रूप में ऊर्जा देना जरूरी होता है। वर्कआउट खत्म होने के 10-15 मिनट बाद पानी पीने के अलावा खानपान में प्रोटीन व कार्बोहाइड्रेट युक्त चीजें खाएं। ताकि मांसपेशियों को अंदरुनी रूप से मजबूती मिल सके।
वर्कआउट खत्म होने के बाद करीब दस मिनट तक पूरी तरह आराम की मुद्रा में आएं। ऐसा न करने से मांसपेशियों में तेज दर्द होगा जिसके कारण अगले दिन इस वर्कआउट को करना मुश्किल हो जाएगा। फार्टलेक के दौरान रनिंग शूज अच्छे, आरामदायक और क्वालिटी के होने चाहिए। उत्साह में अधिक वर्कआउट से भी मांसपेशियों को नुकसान हो सकता है। फार्टलेक एक्सरसाइज करते वक्त इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि ऐसे क्षेत्रों में न दौड़ें जहां गति धीमी करनी पड़े। पेड़ की टहनी और अन्य किसी तरह का अवरोधक एक्सरसाइज खराब कर सकता है।