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अपेंडिक्स का दर्द होने पर पेट की मालिश न करें

यह दर्द अक्सर गाहे-बेगाहे उठता है। देर रात, यात्रा या किसी समारोह के दौरान डॉक्टर-अस्पताल की भागदौड़ हो जाती है। भयंकर पेटदर्द से...

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Mukesh Kumar Sharma

Aug 13, 2018

Appendix

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यह दर्द अक्सर गाहे-बेगाहे उठता है। देर रात, यात्रा या किसी समारोह के दौरान डॉक्टर-अस्पताल की भागदौड़ हो जाती है। भयंकर पेटदर्द से जुड़ी अपेंडिक्स को ऑपरेशन से निकाल दिया जाता है। लेकिन मेडिकल साइंस में कुछ सालों से बहस छिड़ी हुई है कि अपेंडिक्स को शरीर में रहने दिया जाए या निकाल दें। जानते हैं इसकी हमारे शरीर में क्या भूमिका है :

सेलुलोज को पचाती है

यह छोटी और बड़ी आंत के मिलान बिन्दु के पास दो से चार इंच की पूंछड़ीनुमा होती है। अपेंडिक्स का हमारे खानपान के साथ हुई शारीरिक संरचना में बदलाव से संबंध है। प्राचीनकाल में गुफामानव की कच्ची चीजें खाने की आदतों के समय यह सेलुलोज को पचाने में उपयोगी मानी जाती थी लेकिन अब पकी चीजें ज्यादा खाने से शरीर में इसकी उतनी उपयोगिता नहीं रह गई है।

प्रेग्नेंसी में खतरा ज्यादा

युवतियों को अपेंडिक्स का दर्द होने पर ऑपरेशन टालना नहीं चाहिए क्योंकि प्रेग्नेंसी के समय यह दर्द दोबारा होने पर खतरा बढ़ सकता है। इसके दर्द और दवाइयों से बच्चे में विकृति के साथ गर्भपात की आशंका रहती है।

नाभि से नीचे दर्द

इसमें संक्रमण या सूजन के कारण भयंकर पेटदर्द होता है जो नाभि से शुरू होकर पेट की दांयी तरफ नीचे के हिस्से में जाता है। उल्टी, बुखार, भूख न लगना जैसे लक्षणों के साथ ऊपर-नीचे कूदते वक्त चुभने वाला पेट दर्द होता है।

फटने का भी डर

अपेंडिक्स में सूजन के कारण इसमें मवाद पडऩे (लंप बनना) से इसके फटने की आशंका रहती है। ऐसी स्थिति में तुरंत ऑपरेशन किया जाता है। 48 घंटे या उससे ज्यादा देरी होने पर आंतों से चिपकने के कारण अपेंडिक्स की गांठ बनने व पेट में इंफेक्शन फैलने का खतरा रहता है।

मरीज इनका रखें ध्यान

मौसम परिवर्तन के समय शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें।
कब्ज से बचें ताकि दर्द की आशंका कम हो।
ऑपरेशन के बाद हल्का भोजन लेने की आदत डालें।
ऑपरेशन के बाद कुछ दिन पपीता न खाएं।

कारण

अपेंडिक्स में मल फंसने या पेट में मौजूद छोटे कीड़े इसमें घुस जाने से इंफेक्शन होता है, जिससे सूजन आ जाती है।

क्या करें

दर्द होने पर कुछ न खाएं व डॉक्टर को दिखाएं। मालिश न करें। इससे पूरे पेट पर सूजन आ सकती है।

ऑपरेशन है इलाज

शुरुआती दर्द दवाओं से ठीक हो जाता है, लेकिन एक बार दर्द होने के बाद दोबारा होने की आशंका 50 त्न रहती है, इसलिए सर्जरी की सलाह दी जाती है। लेप्रोस्कॉपी व ओपन सर्जरी दोनों की जाती हैं। कम टांकें व जल्दी रिकवरी के कारण लेप्रोस्कॉपी तकनीक बेहतर मानी जाती है।

देसी इलाज

आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. रमेश पाराशर के मुताबिक हल्की सूजन की स्थिति में देसी दवाओं से मरीज को कुछ समय के लिए राहत दी जा सकती है, लेकिन सर्जरी ही इसका अंतिम उपाय है।

किस तरह के टेस्ट

डॉक्टर क्लीनिकल परीक्षण कर पता लगाते हैं कि अपेंडिक्स है या नहीं। इसके अलावा एक्सरे, सोनोग्राफी, टोमोग्राफी (सीटी) स्कैन, यूरिन व खून की जांच भी कराई जाती है।