
कीटो डाइट यानी लो-कार्ब हाई फैट डाइट, जिसका उपयोग बहुत-से लोग आजकल वजन कम करने के लिए करते हैं। इसमें कार्बोहाइड्रेट नहीं खाया जाता, वसा की मात्रा ज्यादा ली जाती है। यह शरीर के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है। दरअसल, कीटो डाइट की सलाह केवल कुछ ही रोगियों के लिए दी जाती है, क्योंकि कीटो डाइट से शरीर के मेटाबॉलिज्म में जो बदलाव आते हैं, उससे रोगियों को फायदा होता है। वजन कम करने के लिए भी इंटरनेट पर पढक़र नहीं लें। डायटीशियन की सलाह से ही इसे फॉलो करें।
कीटो डाइट की फिजियोलॉजी
नॉर्मल अवस्था में कार्बोहाइड्रेट ऊर्जा प्राप्ति का स्रोत होता है, किंतु कीटो डाइट में वसा से शरीर को ऊर्जा मिलती है। इस स्थिति में सामान्य कार्बोहाइड्रेट मेटाबॉलिज्म से मिलने वाली ऊर्जा का चक्र टूट जाता है और वसा से ऊर्जा मिलने के कारण कीटोन बॉडीज उत्पन्न होते हैं।
ये बिल्कुल न लें
बच्चों व किशोरों को कीटो डाइट का पालन नहीं करना चाहिए।
गर्भवती व स्तनपान करवाने वाली महिलाएं कीटो आहार न लें।
क्रेविंग बढ़ती, ड्राइनेस महसूस होती और मुख्य भोजन से दूर हो जाते हैं।
शुगर, हार्मोनल व लिवर व आंत की समस्या में यह डाइट उपयुक्त नहीं है। हाई बीपी में भी इस डाइट से दूर रहें।
यह डाइट ले रहे हैं और कोई समस्या हो रही है तो डॉक्टर को बताएं।
Updated on:
14 Sept 2023 06:48 pm
Published on:
14 Sept 2023 06:47 pm
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