scriptRevolved Chair Pose Benefits: अपर-बॉडी टोनिंग के लिए रोज करें परिवृत्त उत्कटासन | Revolved Chair Pose To Get Toned Upper Body | Patrika News

Revolved Chair Pose Benefits: अपर-बॉडी टोनिंग के लिए रोज करें परिवृत्त उत्कटासन

locationनई दिल्लीPublished: Nov 06, 2021 09:27:03 pm

Submitted by:

Tanya Paliwal

Revolved Chair Pose Benefits: यह पूरे शरीर के लिए एक बेहतर आसन है क्योंकि इससे आपके कंधे, घुटने, कूल्हों और टखनों जैसे प्रमुख जोड़ों की सहायक मांसपेशियां मजबूत होती हैं।

parivrtta_utkatasana.jpg

Revolved Chair Pose Benefit

 

नई दिल्ली। Revolved Chair Pose Benefits: काम की भागदौड़ में लगे रहने के कारण अक्सर लोग अपने स्वास्थ्य और खानपान पर पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। जिससे शरीर बेडौल हो जाता है और साथ ही शरीर एवं मांसपेशियों का लचीलापन भी खत्म होने लगता है। आज हम आपको एक ऐसे आसन के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके नियमित अभ्यास से ना केवल आप अपनी बॉडी को फ्लैक्सिबल बना सकते हैं बल्कि यह पूरी बॉडी की अतिरिक्त वसा को भी कम करने में सहायक है। इस योगासन का नाम है, परिवृत्त उत्कटासन। तो आइए जानते हैं, इसे करने का तरीका और इससे जुड़े अन्य फायदों के बारे में…

परिवृत्त उत्कटासन कैसे करें-
सबसे पहले सावधान की पोजीशन में सीधे खड़े हो जाएं। इसके बाद अपने घुटनों को मोड़ते हुए अपने कूल्हों को पीछे की तरफ उसी तरह मोड़ें, जैसे आप कुर्सी पर बैठ रहे हों। अब अपने दोनों हाथों को ऊपर उठाकर अपने चेहरे को फ्रेम करें।

इसके बाद अपने हाथों को नमस्ते की मुद्रा में अपने सीने के केंद्र में एक साथ लाएं। सांस बाहर छोड़ते हुए दाहिनी तरफ मुड़ें और ऊपर की ओर देखते हुए अपने बाएं हाथ की कोहनी को अपनी दाईं जांघ पर टिका लें।

985695-parivrtta-utkatasana.jpg

यह भी पढ़ें:

जब भी आप सांस बाहर छोड़ें तो हाथ को थोड़ा और घुमाएं। लगभग 3 बार इसी प्रक्रिया को एक तरफ से दोहराने के बाद दूसरे हाथ की तरफ इसे दोहराएं। हालांकि, परिवृत्त उत्कटासन करना प्रारंभ में थोड़ा कठिन लग सकता है, इसलिए आप इसका अभ्यास कुर्सी पर बैठकर कर सकते हैं। और जब आपका संतुलन ठीक से बैठ जाए और आत्मविश्वास महसूस होने लगे तो आप कुर्सी के बिना इस आसन को करने की कोशिश करें।

परिवृत्त उत्कटासन ना केवल शरीर के कोर मसल्‍स पर बल्कि शरीर के निचले और ऊपरी हिस्से पर भी काम करता है। इसके अलावा इस आसन के अभ्यास से पेट की मांसपेशियों को सक्रिय बनाने में मदद मिलती है। परिवृत्त उत्कटासन करते समय शरीर में होने वाला खिंचाव ही वसा को कम करने के लिए शरीर में गर्मी पैदा करता है।

weight_loss.jpg

परिवृत्त उत्कटासन पाचन को बेहतर बनाने के साथ की पॉस्चर में भी सुधार के लिए अच्छा माना जाता है। जो लोग नियमित रूप से परिवृत्त उत्कटासन का अभ्यास करते हैं, उनके क्वाड्स और ग्लूट्स को मजबूती मिलने के साथ ही कोर स्ट्रेंथ भी विकसित होती है। यह पूरे शरीर के लिए एक बेहतर आसन है क्योंकि इससे आपके कंधे, घुटने, कूल्हों और टखनों जैसे प्रमुख जोड़ों की सहायक मांसपेशियां मजबूत होती हैं।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो