मालासन से आप पीठ दर्द से छुटकारा पा सकते हैं। यह मुद्रा आपकी पीठ के निचले हिस्से को मजबूत बनाने में मदद करेगी। इस याेग मुद्रा में पहले आप अपने पैरों को समानांतर रखते हुए सीधे खड़े हो जाएं,फिर घुटनों को मोड़ते हुए बैठने की अवस्था में आ जाएं, पीठ सीधी रखते हुए, अपने हाथों को ऐसे मिलाएं जैसे आप प्रार्थना की स्थिति में हों।
यह प्रसिद्ध मुद्रा पूरे शरीर को खिंचाव देगी। आप हथेलियों को फर्श पर फैलाकर अपने शरीर का भार उन पर डाले, अपने घुटनों को मोड़ें और अपने नितंब को ऊपर उठाएं, फिर धीरे-धीरे पैरों को सीधा करें। 5 से 10 सांसों के लिए आसन मुद्रा में रहें।
बालासन एक आराम देने वाला मुद्रा है जो किसी भी आसन से पहले या बाद में किया जा सकता है। फर्श पर घुटने मोड़ कर अपनी एड़ी पर बैठें, फिर पंजों को अपने कूल्हों की नीचे दबा लें। जांघों के बीच के धड़ को नीचे करते हुए अपनी भुजाओं को आगे बढ़ाएं।
ताड़ासन आपकी लम्बाई बढ़ाने और मेरूदंड की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। आप को सीधे खड़े होकर, अपने पंजों पर दवाब डालते हुए उपर की ओर उठें। और अपने दोनें हाथों को सिर के उपर की ओर सीधा रखें।
इस मुद्रा का अभ्यास करने से आप मजबूत महसूस करेंगे, रक्त परिसंचरण में वृद्धि, तनाव को कम करेंगे।
यह मुद्रा आपके रक्त परिसंचरण को उत्तेजित करने में मदद करेगी। जैसा कि नाम से पता चलता है, आप तितली की तरह दिखने के लिए बैठे हैं, आपके पैर तितली के पंखों की तरह फैले हुए होने चाहिए। फिर हाथों से पैर के पंजों पकड़ लें और पीठ सीधी रखते हुए बाहों, पीठ और कंधों में खिंचाव महसूस करें। इस मुद्रा के लाभों में रक्त परिसंचरण को उत्तेजित करना, मासिक धर्म के लक्षणों से राहत और रजोनिवृत्ति आदि शामिल हैं।