वार्मअप टिप्स ( Warmup Tips ) जाॅॅॅगिंग ( Jogging )
अपनी क्षमता के अनुसार धीरे धीरे करीब 500 – 600 मीटर तक दाैड़ने से शरीर की मांसपेशियां गर्म हो जाती है जिससे आप तराेताजा महसूस करेंगे।
अपनी क्षमता के अनुसार धीरे धीरे करीब 500 – 600 मीटर तक दाैड़ने से शरीर की मांसपेशियां गर्म हो जाती है जिससे आप तराेताजा महसूस करेंगे।
स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज ( stretching exercise )
स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज मतलब खिचाव वाले व्यायाम। इसमें आगे पीछे झुकना और दायें – बाएं झुकना शामिल है। इस एक्सरसाइज से शरीर में लचक आती है और चोटों से बचाव होता है।
स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज मतलब खिचाव वाले व्यायाम। इसमें आगे पीछे झुकना और दायें – बाएं झुकना शामिल है। इस एक्सरसाइज से शरीर में लचक आती है और चोटों से बचाव होता है।
रस्सी कूदना ( Skipping )
रस्सी कूदना भी शरीर के लिए फायदेमंद है। इससे शरीर का संतुलन बनता है। इससे हृदय की धड़कन की दर में सुधार होता है। स्प्रिंट वर्कआउट ( Sprint workout )
स्प्रिंट वर्कआउट एक्सरसाइज में पहले 20 – 25 सेकेंड तक तेजी से दौड़ लगाई जाती है और, फिर 10 – 15 सेकेंड चला जाता है और फिर तेजी से दाैड़ा जाता है। यह पैटर्न अपनी क्षमता के अनुसार 5 – 10 मिनट तक दोहरा सकते है। इससे शरीर फिट रहता है।
रस्सी कूदना भी शरीर के लिए फायदेमंद है। इससे शरीर का संतुलन बनता है। इससे हृदय की धड़कन की दर में सुधार होता है। स्प्रिंट वर्कआउट ( Sprint workout )
स्प्रिंट वर्कआउट एक्सरसाइज में पहले 20 – 25 सेकेंड तक तेजी से दौड़ लगाई जाती है और, फिर 10 – 15 सेकेंड चला जाता है और फिर तेजी से दाैड़ा जाता है। यह पैटर्न अपनी क्षमता के अनुसार 5 – 10 मिनट तक दोहरा सकते है। इससे शरीर फिट रहता है।
वार्मअप के फायदे ( Warm Up Benefits )
शरीर का तापमान बढ़ता है – शरीर का तापमान बढने से मांसपेशियाें में लचीलापन बढ़ जाता है। इससे उनमें में खिचाव का खतरा कम हो जाता है।
शरीर का तापमान बढ़ता है – शरीर का तापमान बढने से मांसपेशियाें में लचीलापन बढ़ जाता है। इससे उनमें में खिचाव का खतरा कम हो जाता है।
मेटाबोलिक रेट बढ़ता है – Metabolic rate बढ़ने से खिलाडियों के शरीर में एनर्जी लेवल बढ़ जाता है जिससे उनका परफोर्मेंस और भी बेहतर हो जाती है। चिंता और तनाव घटता है – वार्मअप से शरीर में उर्जा का संचार होता है और ब्लड का फ्लो बढ़ता है जिससे तनाव से छुटकारा मिलता है।
लैक्टिक एसिड की मात्रा घटती है – लैक्टिक एसिड घटने से थकान के दौरान हाथ पैरो में दर्द नहीं होता। चोट का खतरा कम होता है – वार्मअप से मांसपेशियों की जकड़न कम हाे जाती है। जिससे चोट लगने की संभावना घट जाती है।
ध्यान रखें
वार्मअप कभी भी जल्दबाजी में नहीं करना चाहिए। इसका समय कम से कम 15-20 मिनट का होना चाहिए। फिजिकल एक्टिविटी की शुरुआत में वार्मअप का समय वर्कआउट से ज्यादा रखें ताकि शरीर में लचीलापन आ सके। इसके बाद धीरे-धीरे समय घटाएं।
वार्मअप कभी भी जल्दबाजी में नहीं करना चाहिए। इसका समय कम से कम 15-20 मिनट का होना चाहिए। फिजिकल एक्टिविटी की शुरुआत में वार्मअप का समय वर्कआउट से ज्यादा रखें ताकि शरीर में लचीलापन आ सके। इसके बाद धीरे-धीरे समय घटाएं।