ऐसे तैयार करें सत्तू –
कई अनाजों जैसे चना, गेहूं, जौ, अरहर, मटर, खेसरी, कुलथा और चावल को सूखा भूनने के बाद पीसकर तैयार पाउडर को सत्तू कहते हैं। गर्मियों औऱ मानसून के मौसम में इसका प्रयोग अधिक किया जाता है क्योंकि यह शरीर को ठंडा रखता है। फाइबर युक्त सत्तू का ग्लाइसीमिक इंडेक्स लो होने से यह मधुमेह रोगियों के लिए भी फायदेमंद है।
फायदे ही फायदे –
सत्तू पीने के बाद भूख कम लगती है। इससे शरीर से अतिरिक्त चर्बी कम होने के साथ मोटापा घटता है।
मधुमेह रोगियों के लिए भी फायदेमंद।
इसमें मौजूद फायबर पेट और लिवर रोगों से बचाता है।
गर्मियों में शरीर का तापमान कंट्रोल कर लू से बचाता है।
पसीना अधिक निकलने पर कमजोरी महसूस हो तो सत्तू लें।
यह शरीर में तुरंत ऊर्जा का संचार करता है।
इसमें मौजूद कैल्शियम जोड़ों के दर्द में राहत देता है।
यह ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित रखता है।
ये बरतें सावधानी-
इसे भोजन करने के बाद न खाएं। इसे सीमित मात्रा में ही लें और रात में न खाएं। इसे खाते समय बीच में पानी पीने से बचें।
कैसे तैयार करें-
मीठा सत्तू तैयार करने के लिए इसे पानी में शक्कर या गुड़ के साथ घोलकर पीएं। इसे नमकीन तैयार करने के लिए सत्तू, पिसा हुआ जीरा, नमक और पानी का घोल बनाकर पीएं।